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________________ भूय ] १; १, ७, २, २०४; सूय० १, ६, १; ( २ ) ना देवु नहि विलक्षणु विलक्षण; असमान. dissimilar; different; strange. सू० १, १५, २६ भूय. त्रि० (अनेवम्भूत) वी रीतेनडि જેવી રીતે કર્મબાંધ્યા છે તેવી રીતે નહિ કિન્તુतेथी कुट्टी रीते. इस प्रकार नहीं; जिस रीति से कर्म बांधे हैं उस रीति से नहीं, किन्तु जो भिन्न रीति है वह Of a different manner or description; of a manner different from that by which Karma is incurred. " अणेवंभूयं पिवेयणं वेयंति भग०५, ५; असणा. स्त्री० ( श्रनेपणा ) प्रभावाहि होप सहित भेषणा- साहाराहिगवेषणा. प्रमाद आदि दोषों सहित एषणा - श्रहारादिगवेषणा. Lack of carefulness in receiving food etc. सू० १, १३, १७; नाया० ध० ३: ( २ ) शेषणा-गवेषणानो अभाव एषणा का अभाव; असावधानी absence of carefulness; negligence in proper examination e. g. of alms received. “पुसणमणेसं श्रालो एइ २त्ता " उवा० १, ८६ श्राव० ४, ५; अणेस जि. त्रि० ( अनेषणीय ) साधुने न इस्पे तेयुं; अपणु द्वेषथी हुष्ट थयेस; अनेपशु सुतु साधु के लेने योग्य न हो वैसा; किसी भी दोष से जो श्रग्राह्य हो चुका हो वह. Not fit to be taken by Sadhu; _contaminated. पूयं अणेसणिज्जं च, तं दिवं परिजारिया " सू० १, ८, १४; प्रय० ७६० ठा० ३, १; भग० ५ ५ ८, ६, १८, १०, नाया ० ५ वेय० ४, १३; आया० २, १, १, १; अणेसणीय. त्रि० (अनेषणीय) ओ 'अणेसणिज ०६. देखो 'असणिज ' शब्द. (6 Jain Education International ( २२५ ) ' For Private Vide श्रसणिज. " पंचा० १५, ३३; अणोउया. स्त्री० ( अनृतुका- न विद्यते ऋतुः-रक्तरूपः शास्त्रप्रसिद्धो वा यस्याः सा अनृतुका) ऋतु वगरनी स्त्री; २०स्वला नहि. ऋतुकाल रहित स्त्री; रजस्वला धर्म से रहित स्त्री. A woman not in menses; a woman before menstruation. ठा०५, २ अणोक्कंत. त्रि० ( अनुपक्रान्त ) निरा४२ मुरेंस नहि निराकरण न किया हुआ. Not settled; not decided. श्रोव णोगाढ. त्रि० ( अनवगाढ ) अवगाहन नहि रेस; अवगास नहि. अवगाहन नहीं किया हुआ. Not localised; not entered into भग० २५. ४; अयोग्य सिय. त्रि० ( अनवधर्षित ) नहि घसेस માટેલ રાખ વગેરેથી ધસી સાફ ન કરેલ. बिना मांजा हुआ; राख वगैरह से साफ न किया हुआ. Not cleansed. “ प्रणोवसिय मिलाए छायाए मंततो चेव समणुबन्दा जीवा० ३: अणोधार त्रि० ( श्रनवघातित ) न सेवेस; संत्र्या विनानुं असेवित. Unserved. बब ० २, २३ गोज त्रि० ( अनवद्य) निर्दोष निर्दोष; दोष रहित. Faultless; pure. नाया०८ श्रणोजा. स्त्री० ( श्रनवद्या ) महावीरस्वाभिनी पुत्री महावीरस्वामी की पुत्री The daughter of Mahavira Svami. " 66 [ श्रणोद्धंसिजमाण कप्प०५, १०३; अणोद्दवेमाण. व० कृ० त्रि० (अनुपद्भवत् ) उपद्रवन २तो. उपद्रव न करता हुआ. Not causing any trouble or injury. भग०८, ७, १८, ८ प्रणोद्धंसिजमाण. व० कृ० त्रि० ( अनुपध्वस्यमान ) भाडात्भ्यथी भ्रष्ट न थतो. माहात्म्य से भ्रष्ट न होता हुआ. Not degenerating Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016013
Book TitleArdhamagadhi kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Maharaj
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1988
Total Pages591
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi, Gujarati, English
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size15 MB
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