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________________ अकामिया ] अकामिया. स्त्री० ( प्रकाभिता श्रकामता ) मनिष्णा रिछानो अभाव अनिच्छा; इच्छा का अभाव. Absence of desire. "कामियाए चिरांति दुक्खं" परह० १ ३; अकाय. पुं० ( कार्य ) प्रयारहित छ4; सिद्ध भगवान् शरीररहित जीव; सिद्धभगवान्. Liberated soul; a Siddha. ठा० २,३; अकार. त्रि० (अकारक) अपथ्य अपथ्य. Unwholesome. प्रोष• नि० २०३; नाया ० १३; ( २ ) नरनार या शून्य. नहीं करने वाला; अकर्त्ता -क्रिया शून्य. not doing; devoid of action. " एवं अकारो अप्पा एवं ते उ पगब्भिया" सूम ० १, १, १, १३; पराइ० १ २; अकारग. पुं० ( प्रकारक) लुओ "अकारअ” २६. देखो " अकारश्र " शब्द Vide 'अकार.' पराह० १, २; अकारि. त्रि० (अकारिन् ) नहि उवावाणी, नदि ३२नार नहीं करने वाला. A do-nothing; a lazy fellow. “अकारिणो न्थ वजयंति मुचई कारगो जो उत्त०६, ३० अकारिय. त्रि० (त्रकारित) न शयें नहीं कराया हुआ. Not caused to be done. भग० ७, १; पराह० २, १; अकाल. पुं० (काल) अनवसर दुवत. अनवसर; असमय; बुरा वख्त. Improper time; unfavourable time. नाया० "" Jain Education International ८; १५; १६; आया ० १, २, १, ६२; दसा० १, १३; आव ० ४, ७; ( २ ) हुण्डमण; हुडाण. दुष्काल; अकाल. famine. त्रकावे वरिसइ" ठा० ७, १ ; ( 3 ) गोयरी महिना निषिद्धाण; वेजा. गोचरी (भिक्षा) के लिये निषिद्ध काल; कुसमय. prohibited time for begging food etc. काले चरसि मिक्लू कालं न पडिलेइसि " दस० ५, २, ५, चारि. पुं० (-चारिन् ) वेणा 46 ( ५१ ) 66 [ अकाल अवष्मते गोयरी यहि २नार कुसमय में गोवरी (भिक्षा) आदि करने वाला one who begs food etc. at the prohibited time. दस० ५, २, ५ - दोहल. पुं० (- दोहद) उवेणा उत्पन्न थतो होड - गर्भिणी स्त्रीने थी. कुसमय में गर्भिणी श्री को उत्पन्न होने वाली इच्छा-दोहला. the longing of a pregnant woman at an improper time. नाया ० १; -1 -पडिबोहि. त्रि० ( - प्रतिबोधिन् ) : वेणाखे-रात्रे लगना२-५२नार. कुसमय में रात्रि में जगने वालाफिरने वाला a person who keeps late hours.. “मिलक्खुणि अणारियाणि दुस्मरणपाणि दुप्पण्णवणिज्जासि प्रकाल पडिमोहिणि" माया० २, ३, १, ११५; - पढण. न० (-पठन) अडाणे - वांय ते. अ समय में पढ़ना - बाचना studying at a. prohibited time. पंचा० १५, २८ -- परिभोर त्रि० ( - परिभोजिन् ) रात्रि भोजन करना रात्रेमाना२. रात्रिभोजन करने वाला taking one's food at night. आया० २, ३, १, ११५ – परिहीण न० ( परिहीन - कालविलम्बो न विद्यते यत्र ) धंस्ट्टी शीघ्रः तत्हास; वगर वि. तत्काल; बिना विलंब; बहुत जल्दी; शीघ्र. instantly; immediately. "कालपरिहीणं चैव सुरियाभस्स अंतियं नाया ० १६६ – मेह. पुं० (मेघ) समाजे परसा६, भाव. श्रकाल में-समय में वर्षा rain out of season. नाया ० १ - वासि. पुं० ( - वर्षिन् ) भावमानो वरसाह; अवष्यते वरसनार. कुसमय की वर्षा समय में वर्षा. rain out of season. ठा० ४, ४; ( २ ) अगर खाते हानाहि देनार (आक्षणि). बिना आवश्यकता के दान देने वाला a person giving "" पाउब्भवह For Private Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016013
Book TitleArdhamagadhi kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Maharaj
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1988
Total Pages591
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi, Gujarati, English
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size15 MB
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