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________________ अकंततर ] वगरतुः सौन्दर्य रहित. कान्तिहीन; तेजहीन; सौन्दर्य राहित. Devoid of lustre; devoid of beauty. ठा०८, १; नाया० १; भग० १, ५, ६, २, ७, ६, ६, ३३; पक्ष० २८; जं० प० २, ३६, ( २ ) मगुगभर्तुः अप्रिय अप्रिय. unpleasant; obnoxious, भग० १, ७; - स्सर, पुं० ( - स्वर ) अप्रिय स्वर र स्वर अप्रिय स्वर; कठोर स्वर harsh voice, भग० (४४ ) [refer माणकृतम् ) वर्तमानहाण ने भूताणनी मियाथी भने नहि. वर्तमानकाल और भूतकाल की क्रिया से नहीं बना हुआ. not result ing from what is being done in the present nor from what has been done in the past. “प्रकि दुक्खं अफुसं दुक्खं अंकज्जमाणकडं दुक्खं” भग० १, १०; अकट्टु. सं० कृ० अ० (अकृत्वा) यी चार; न ने बिना किये. Without having done; without doing. ठा० ३,२; भग० १, १०; अकट्ठ त्रि० ( अकार ) ३।४ रहित; धधल्या विना. काष्ठ रहित; बिना लकड़ी का. Without fuel. "जंसि जलतो अगदी नको" सूर्य ०१, ५, २, ११; अकड. त्रि० ( अकृत ) नहि रेसुं नहीं किया हुआ. Unperformed; not done. "कडे कडिति भासिज्जा, अकडं जो कडिन्ति य उत्त० १, ११; " अकडं करिस्सामिति मरणमाणे" आया ० १, १, २, ६६; भग० १,६० अकढिण. त्रि• ( अकठिन ) दाभण; ६४ डि. कोमल; कठिनता रहित Soft; easy; not hard. जीवा ० ३, ४, करण. पु० (अकर्ण ) सवगुसमुद्रमां सात सेो જોજન ઉપર આાવેલા એક અંતરદીપ; ૧૦ મા अंतरद्वीप, लवणसमुद्र में सात सौ योजन की दूरी पर का एक अंतरद्वीप; १७वें अंतरद्वीप का नाम. An island situated in the Lavana ocean at a distance of 700 Yojanas from the shore.ठा० ४,२; ( २ ) ते अंतरद्वीपमा रहेनार मनुष्य. उक्त अंतरद्वीप में रहने वाला मनुष्य. a person residing in that island. ठा० ४,२; Jain Education International १, ७; जं० प० २, ३६; अकंततर. त्रि० ( अकान्ततर ) व्यतियप्रिय; पशुं शुभतुं बहुत अप्रिय Extremely unpleasant. भग० १६, ३; अकंप. त्रि० (अकम्प ) प - सोल रहित. कम्म रहित; क्षोभ रहित. Firm; fixed; free from destruction. जं०५०२, ३१, ३, ५२; अकंपिय. पुं० ( अकम्पित ) महावीरस्वामीनाभा गणधर महावीरस्वामी के आठवें गणधर का नाम. The eighth Gagadhara of Mahāvīra Svāmī. सम• ११, ७८; विशे० १८८५; अकक्स. त्रि० ( अकर्कश ) अंश नहि; मृहु; | भग. मृदु; कोमल. Soft; not harsh. " अणवज्जमककले" दस० ७, ३; भग० ७, ६; अकज न० ( अकार्य ) नवा योग्य अर्थः अघटित अभ न करने योग्य कार्य; न करने लायक काम An improper action. नाया० २; १६; पिं० नि० १८५; भग० ७, ६; जं० प०२,३६; - पडिबद्ध. त्रि० (- प्रतिबद्ध) सार्थ श्वासां तत्५२. न करने लायक काम को करने में तत्पर. Intent on doing an improper action. नाया० १८; अज्जमाण. त्रि• (अक्रियमाण) यी वगरनुं; २. जो न किया जाता हो. Not being done. भग० १, १७; - कड. त्रि० (--कृतक्रियमाणं वर्तमानकाले कृतं तन्निषेधादक्रिय- | अकण्णछिन. त्रि० ( श्रकर्णदिन ) is पद्म० १; "" For Private Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016013
Book TitleArdhamagadhi kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Maharaj
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1988
Total Pages591
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi, Gujarati, English
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size15 MB
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