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________________ अंतरदीव ] अंतरदीव. पुं० ( अन्तद्वीप) युद्धहिमवंत अने શિખરી પર્વતની લવસમુદ્ર તરફ નીકળેલडाढा उपरना द्वीप; यह अंतरद्वीप. चुल्ल हिमवंत और शिखरीपर्वत के लवणसमुद्र की ओर निकले हुए हिस्से पर के द्वीप; ५६ तद्वीप. A group of the fifty-six islands on that part of ChullaHimavanta and Sikhari mount, which projects into the Lavana ocean, भग० ६, ३; १०, १; जीवा० १; प्रव० ६१; अंतरदीवग. पुं० [स्त्री० ( अन्तद्वीपग ) अंतर દ્વીપમાં રહેનાર; ચુલહિમવંત અને શિખરી પર્વતની લવસમુદ્રમાં પડતી ડાઢામાંનાં દ્વીપા ઊપર રહેનાર મનુષ્ય; ૫૬ અંતરદ્રીપાના मनुष्य तद्वीपों में रहने वाला; चुल्ल हिमवंत और शिखरीपर्वत के लवणसमुद्र ये हुए हिस्से के द्वीपों में रहने वाला मनुष्य. A person residing in any of the islands named Antara-Dvipas, fifty-six in number. पन्न ०१; उत्त० ३६, १६४; अंतरदीविया. स्त्री० ( श्रान्तरद्वीपिका) छदयन अंतरद्वीपमा उत्पन्न थयेसी स्त्री. छप्पन अन्तद्वीपों में उत्पन्न हुई स्त्री. A woman born in any of the fifty-six Antara-Dvipas. ठा०३, १; अंतरद्धा. स्त्री० ( *अन्तर्द्धानम् ) अंतर्धान थवुं; अंश-नाश थवे ते. अन्तद्धीन होना; नाश होना. Disappearance; vanishing; destruction. "सइ अंतरद्वं च पंचा० १, २०; उवा० १, ५०; अंतरभाव. पुं० ( श्रान्तरभाव ) परमार्थ. परमार्थ. Benevolence ; charity. पंचा० १८, २४; अंतरभूय. त्रि० (अन्तर्भूत) अंतर्भूत थयेश; Jain Education International ( ३२ ) [ अंतराइय जीनामा भणी गयेस. दूसरे में मिला हुआ; जो दूसरे में अन्तर्भूत हो गया हो वह. Amalga mated; included. विशे० १६; अंतरा. अ० ( अन्तरा ) मध्ये; वभ्ये २. मध्य में; अन्दर. Inside; between. भग० ३, ६, १५, १, सूय० १, २, १, ३१, १, ८, १५ वेय० १, १२; ओघ० नि० ११२; दस० ८, ४७; कप्प० २, ३०; पन० १६; नाया ० १५; - आवण न० ( - आपण ) मन्दरनुं हाट. भीतर का बाजार. a market or a shop inside a place. नाया • ११; विवा ०१; - दोमासिय. त्रि० (-द्विमासिक) ये भासनी संहरनुं दो मास के अंदर का. of less than two months' duration. निसी० २०, १७ : - पह. पुं० ( - पथ ) જ્યાંજ્યું છે અને જ્યાંથી જવું છે તે એ વચ્ચે तो मार्ग. जहां जाना है और जहां से जाना है उन दोनों के बीच का मार्ग. the path that lies between the place of starting and that of destination. भग० २, १ - मंथ. पुं० (-मन्थ ) देवसસમુદ્ધાક્રિયામાં મંથાનાકારતા સમય; કે स नो यो समय केवलसमुद्घातक्रिया में मंथनाकार का समय; केवलसमुद्घात का पाँचवाँ समय. the fifth unit of time in Kevala-samudghata. "अंतरामंथेवट्टमाणो भग० ८, ६६ – वास. पुं० ( -वास ) भुसाइमां वस्ये वरये भन्स ४२ भन्स भेला खोते. यात्रा में बीच बीच मंजिल दर मंजिल ठहरते जाना. halting at intervals in a journey. राय ० "} २१३; अंतराइय न० ( श्रान्तरायिक ) छान माहिभां विघ्न नामनार अंतराय उर्भ दानादि में विघ्न डालने वाला अन्तराय कर्म. (Obstruc tive) destiny which debars For Private Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016013
Book TitleArdhamagadhi kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Maharaj
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1988
Total Pages591
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi, Gujarati, English
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size15 MB
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