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________________ अचित नोकर्म द्रव्यबन्ध अणव्रत अचित्त नोकर्म द्रव्यबन्ध -३.१७६ अ। अचित्त पाहुड-३१५६ ब । अचेतन-१३६ ब, गुण २.२४४ द, जीव ३३३२ ब, द्रव्य २.४५५ ब, सापेक्ष धर्म ४.३२३ ब, स्त्री ४४५१ अ। अचेतनत्व-अजीव १.४१ ब । अचेलक-१-३६ ब। अचेलकत्व-१.३६ ब, १४० ब, निग्रंथ २.६२१ ब, लिग ३४१६ ब, ३.४१६ अ, साधु ४४०८ अ, ४.४०६अ। अचेल व्रत-१४० अ। अचैतन्य-सापेक्ष धर्म १.१०६ अ। अचौर्य-अणुव्रत १.२१३ ब, अस्तेय १२१३ अ, अहिंसा १.२१७ अ, चारित्र शुद्धि व्रत २.२६४ ब, महाव्रत १.२१३ ब। अच्छेज्ज--१४१ अ, वसतिका दोष ३.५२६ अ। अच्युत -१४१ अ । सनत्कुमार चक्री ४१० ब । अच्युत स्वर्ग-१.४१ अ । स्वर्ग-पटल ४.५१८, विस्तार ४५१८, उत्तर विभाग ४.५२० ब, अवस्थान ४ ५१४ ब, अंकन ४.५१५, इन्द्रक श्रेणीबद्ध ४५१८, ५२० । इन्द्र-निर्देश ४.५१० ब, उत्तरेन्द्र ४.५११ अ, परिवार ४.५१२-५१३, अवस्थान ४५२० ब, चिह्न आदि ४.५११ ब, विमान नगर व भवन ४.५२०५२१ । देव-अवगाहना ११८१ अ, अवधिज्ञान ११६८ ब, आयु १.२६८, आयु बन्ध योग्य परिणाम १२५८ ब। अच्यत स्वर्ग (प्ररूपणा)-बन्ध ३१०२, बन्धस्थान ३११३, उदय १३७८, उदयस्थान १.३६२ ब, उदीरणा १.४११, उदीरणा-स्थान १.४१२, सत्त्व ४.२८२, सत्त्वस्थान ४.२६८, ४३०५, त्रिसयोगी भग १.४०६ ब । सत् ४.१६२, सख्या ४.६८, क्षेत्र २.२००, स्पर्शन ४.४८१, काल २.१०५, अन्तर १.१०, भाव ३२२० ब, अल्पबहुत्व ११४५ अ। अच्युता-१.४१ अ, विद्या ३५४४ अ । अछेद-अर्द्धच्छेद २.२२५ । अछेद्य-१.४१ अ। अज-अजघन्य २२१८ ब। अज-१.४१ अ. पूर्वाभाद्रपद २.५०४ ब, श्रोता ४७४ ब। अजक-मगध देश १३१२ । अजघन्य-अनुभाग १८६ अ, सहनानी २२१८ ब । अजघन्य पद-१.१०२ ब, १.१०३ ब। अजघन्य विभक्ति-१.१०३ ब । अजयवर्मा-१४१ अ, भोजवंश १.३१० अ। अजातशत्र-१.४१ अ, मगधदेश १३१२, यदुवंश १.३३७ । अजितंजय-१.४१ अ, भरत चक्री ४.१५ अ, सुव्रतनाथ २.३६१। अजितधर--१.४१ अ, रुद्र ४.२२ अ, अनन्तनाथ २३६१ अजित-१४१ अ, पूर्व भव २.३७६-३६१, चन्द्रप्रभ का यक्ष २३७६ । अजितनाथ-१४१ अ। राक्षसवश १.३३८ब, विद्याधर वश १.३३६ ब, इक्ष्वाकुवश १.३३५ अ । अजितनाभि-१४१ अ, रुद्र ४.२२ अ, धर्मनाथ कालीन रुद्र २३६१। अजितपुराण--१.४१ ब, इतिहास १३३३ अ । अजितवीर्य-२३६२। अजितसेन-१४१ब, इतिहास १.३३२ ब, १३४५ अ। अजीव--१४१ ब, कर्म २२७ अ, ब, कषाय २३७ ब, क्रोध २३७ ब, विचय २४७६ अ। अजीवाधिकरण-१४६ अ। अटट--१४२ अ । सख्या प्रमाण २.२१४ ब, काल प्रमाण २.२१६ अ, २१७ अ। अटटांग-१४२ अ, काल प्रमाण २.२१६ अ, २१७ अ । अटठाईस-प्रकृति ४.८७ ब, २७६ अ, मूलगुण ४.४०४अ। अठारह-एकड़ी की सहनानी २.२१८ ब, दोषातीत (अर्हन्त व आप्त) १.१३७ अ, १.२४८ अ, श्रेणी ४७२ अ। अडड-काल प्रमाण २.२१६ अ । अडडांग--काल प्रमाण २११६ अ। अढाईद्वीप-१४२ अ, २४६२ ब, मनुष्य लोक ३.२७४ ब, चित्र ३.४६४ के सामने । अढाई द्वीप प्रज्ञप्ति -अमितगति १.१३२ अ । अणथमिय कहा- इतिहास १३४५ ब । अणहिल-४८० ब। अणिमा ऋद्धि-१.४४७, १.४५० ब । अणु-१.४२ अ, परमाणु ३.१४ अ, ३.१८ अ, संघात ४.४४७ अ। अणुचटन-३२३७ अ। अणुछेदन-२३०६ ब, ३०७ अ। अणुवय रयण पईव -१.४२ अ, इतिहास १.३४५ अB १.३३२ अ। अणवर्गणा-३.५१३ अ, ३.५१५ ब । अणुविभजन - १.४२ अ । अणुवत-अस्तेय १.२१३ अ, अहिंसा १.२१५१, परिग्रह Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016012
Book TitleJainendra Siddhanta kosha Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2003
Total Pages307
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size23 MB
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