SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 287
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सत्त्व २८० ३. सत्त्व विषयक प्ररूपणाएँ २. सातिशय मिथ्यादृष्टिमें सर्व प्रकृतियोंका सत्व चतुष्क-13/२०७-२१३) द्रष्टव्य-(ध.६/२६८)प्रथमोपशमसहित संयमासंयम के अभिमुख सातिशय मिथ्यादृष्टिका स्थिति सत्त्व इस सारणी में कथित अन्तःकोटाकोटिसे ___संख्यात गुणा हीन अन्तःकोटाकोटि जानना। संकेत-अन्तः को को.-अन्तः कोड़ा काड़ी सागर; न.-बध्यमान आयुष्क भु.- भुज्यमान आयुष्क __ स्थान-निम्बब काटजीर रूप अनुभाग: चतुः स्थान-गुड़ खण्ड शकंरा अमृत रूप अनुभाग। सत्त्व प्रकृतिका नाम प्रकृतिका नाम स्थिति अनुभाग प्रदेश प्रकृति स्थिति अनुभाग प्रदेश सत्त्व प्रकृति । ह अन्त को को चतु.स्थान अजघन्य पंचेन्द्रिय जाति औदारिक शरीर है अन्तको.को. द्विस्थान अजघन्य ३ वै क्रियक " ज्ञानावरणीय पाँचों दर्शनावरणीयनिद्रा-निद्रा प्रचला-प्रचला स्त्यान. गृद्धि शेष सर्व वेदनीय है - | नहीं | नहीं नहीं अन्त को को. चतु.स्थान अजघन्य स्व स्व शरीरबद अन्त को को. चतु.स्थान अजघन्य स्व स्व शरीरवत | | at चतुःस्थान, अन्त को को. चतु.स्थान अजघन्य साता : आहारक , तैजस कार्माण अंगोपांग निर्माण बन्धन संघात सम चतुरस्त्रसंस्थान शेष पाँच वज्र ऋषभ नाराच शेष पाँच संहनन वर्ण, गन्ध, रस व स्पर्शः प्रशस्त अप्रशस्त आनुपूर्वी अगुरु लघु उपधात परपात चतु., असाता मोहनीय(दर्शनमोह प्रस्थान (२८) (२७) सम्यग प्रकृति है नहीं मिथ्यात्व सम्यग्मिथ्यात्व है नहीं २६ स्थान में भी है चारित्र मोह प्रकृति स्थान चतु. , | द्वि. .. स्व स्व शरीरबत् अन्त को को. चतुस्थान अजघन्य चतु.॥ आतप अनन्ता. चतु. अप्रत्याख्यान. उद्योत उच्छवास विहायोगति प्रशस्त प्रत्याख्यान संज्वलन " सर्व नोकषाय अप्रशस्त प्रत्येक २३ साधारण त्रस चतु." | " आयुनरक, तियंचगति ब.भु. है | व.भु. है द्विस्थान अजधन्य] मनुष्य, देवगति नामनरक, तियंचगति अन्तको को, द्विस्थान मनुष्य, देवगति २] १-४ इन्द्रि. जाति स्थावर सुभग दुर्भग | चतु.. सुस्वर दुःस्वर जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016011
Book TitleJainendra Siddhanta kosha Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2000
Total Pages551
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy