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________________ लोक ४८२ ६. द्वीप क्षेत्र पर्वत आदिका विस्तार ४. जम्बू द्वीपके पर्वतो व कूटोंका विस्तार १. लम्बे पर्वत नोट-पर्वतोकी नीव सर्वत्र ऊँचाईसे चौथाई होती है । (ह. पू/५/५०६); (त्रि. सा./६३६), (ज. प./३/३७)। | दक्षिण विस्तार यो जीवा नाम ऊँचाई यो नीव यो० उत्तर जीवा यो० पार्श्व भुजा यो० प्रमाण रा.वा./ ह. पु | त्रि.सा./ज. प/ ३/-1-1-1 /गा. गा. अ./गा. ति.प./ ४/गा. यो कुलाचलहिमवान् महाहिमवान् निषध १०० २०० १०५२१३ ४२१०१ १६८४२३ नील रुक्मि शिखरी भरत क्षेत्रविजया गुफा विदेह विजया -→ ऊँचाईसे चौथाई २४९३२६६५३५०१९ | १६३४ | ११/२/१८२/११/ ५३९३१६६ ९२७६१९ / १७१७ | | ११/४/१८२/३२ २०१६५३३ १७५० | ११/६/१४३/१२॥ निषधवत् - २३२७ | ११/८/१८३/२४ महाहिमवानवत - २३४० ११/१०/१८३/३१ हिमवानवत २३५५ → अपने अपने क्षेत्रको उत्तर जीवा - २०११ यो० १२ यो० ४८८३ । १८३ | ११ १०५ | १०/४/१७१/१६ २१ + ३२॥ ७७० १७५ १०/४/१७१/२८ ५० | २२५७ /१०/१३/२०६/२० २२५ / । २५ २२१२४ नाम स्थल विशेष ऊँचाई यो० चौडाई यो. लम्बाई ति. प./ रा वा /३/१०/ ह. पु.। त्रि.सा./ ज प./ | १३/.../.. शंगा. गा. अ/गा. ४/गा यो० यो० १६५९२२२ २२३१ १७६/३ १७६/१ २३०७ वक्षार सामान्य नदीके पास पर्वतके पास गजदन्त सामान्य दृष्टि सं.१ कुलाचलोके पास | मेरुके पास दृष्टि स.२कुलाचलोके पास | मेरुके पास →ऊँचाईसे चौथाई - ३०२०९१२ | २०२४ २०१७ ४०० ५०० ४०० ५०० २०२७ १७३/१६ - - - - जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016010
Book TitleJainendra Siddhanta kosha Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2002
Total Pages639
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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