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________________ ३. जम्बूद्वीप निर्देश वायव्य लोक __ चित्र सं०-२६ देवकुरुव उत्तर कुरु लोक चूडामणि नामका चैत्यालय नोट- पर्वतो आदि के वर्ण-माल्पवान वैयवत् नील, सौमनस- रजतवत् श्वेत, विद्युतप्रभ तपनीयवत् रक्त, गन्धमादन ब बनवेदी-हेमबतीत । दृष्टिभेद-१.गजवन्तोके अवस्थान क्रममे अन्तर-(दे० लोक/५३)। २ इमपर स्थित कुटोके प्रमाण वनामोमे अन्तर-(दे० लोक/५४)। ३. मेहको चारो विशाओमे नदियोके बीच ५-५ करके कुल २०द्रह है-दे०लोक/३.८) ४ इस शतके अनुसार प्रत्येक दहके दोनो पाश्र्व भागो मे ५.५ कानन गिरि है-(दे. लोक/३ ७) ईशान उत्तर दक्षिण पश्चिम कच्छा देश indi देश मगलावती +-३३६८४६. यो रजत पूर्णभद्र सीता हरिसह वेड्यंवत् नील 5-40 यो माल्यवान रजतवत् खेत कांचन विशिष्ट (सौमनस AMAYALAVAN कच्छरसागर/रजत MAH = = = सीता नदी -२२००० यो०+ मगलविमलको जम्बूवृक्ष स्थल . देवकुरु मनस देवकुरुमग +-३८२०ीयो० ॐ -३०२०४यो . < पद्मोत्तर Oदिग्गजेन्द्र एनील दिग्गजेन्द्र . १) प्रत्येक द्रहकी प्रत्येक बाज़ में २० काचन शैल दायतम/माल्यवान -१०० यो. → ११५७२३.यो. Hसीतानदी याक(यमकट) ATMकैसरी हुदा -५३००यो -- 2000 यो. - १२००योo ० यमक (चित्रक्ट) ReOORI १०,009 योनि 2017 गाजावास्तिक HOMoदिग्गजेन्द्र ETTE .. -५०वयो०सीतोदा नदी . . . . . . २००यो. १०० यो० दिग्गजेन्द्र प्रत्येक अन्तराल-५०० यो । वापी-1000x५०० यो मन सिदायतन301009 TAS == उत्तरकुरगंधमादन सिदायतन RY (विचित्रकूट) यमक O यो० पद्म देवकुरुविधामा ---३०२०ीयो० - *-३०२०/ उत्तर कुरु - Yलोहित मंधव्यास उत्तरकुर WENDINNWARL - == - -२२००० यो०- दिजेन्द्र Eसीतोदा नदी ==== - स्वस्तिक तपनपद्मा हरि सीतादा) रात उच्चस्ता I/-orded) शाल्मली वृक्षस्थल विद्युत्प्रम/ -- * भद्रशालवन / आनन्द गधमादन -५०० यो. देवारण्यक वन नील पर्वत । हमवन पीते - .-- +-३३६८४यो | वनवेदी .L -- देश गन्धमालिनी निषध पर्वत पद्या देश जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश भा० ३-५८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016010
Book TitleJainendra Siddhanta kosha Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2002
Total Pages639
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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