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________________ छोक दिक्कुमारी देवियां 1. ४५१ नन्दन व सोमनस वन (दृष्टि सं० १) - चित्र सं० - १० . श्री भद्रा Jain Education International Wind Weet 4 bata pral पुष्करिणिये Top Ww अनीक ३. महत्तर top to 10, 11. सागर चित्र will श्री महिला || श्री निलया TWAA Www Www दिवकुमारी देवियां । WWW वज्र श्रीकान्त you with Su Sheng Beleefe is lefe W WA सुमेरु पर्वत • नन्दन वन के बीच ३२७२ या सौमनस वन के बीच ८३५४ Va प्रत्येक पुष्करिणी मे इन्द्र के क्रीडा भवन है ww The pop a y ५.७ pp आत्मरक्ष वरुण pop to pooto to tops नतिन कुबेर Vi top top bp m m. त्रायस्त्रिँश " Vault हिमवान् // // दिक्कुमारी देविया' V را Wh यम Yambhu W Th \, एक आदम 2000 Im कुर नलिन गुल्मा व्यम आत्मरक्ष त्रायास्त्रश अनीक महत्त 1. Vee !!! कुमुदा Ipur edeuy Wi / निषेध - पुष्करिणये WWW.H जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश For Private & Personal Use Only १००० यो 127 चित्र सं०-९० इस वन की पुष्करिणी में इन्द्र सभा की रचना (ह-पु | ४ | ३८३४०) VILL ५०० सो० कुमुद प्रभा नन्दन K मन्दर W प्रायस्त्रिश 2000 दिक्कुमारी देविया ३. जम्बूद्वीप निर्देश ककक ककक इन्द्र 20 सोम ) आत्मरक्षक p o w.www toop poww १- द्वि० दृष्टिने बलभद्र कूट नन्दन वनमे ही है, तथा उसका विस्तार व ऊंचाई १००, १०० योजन है। २- द्वि० दृष्टिसे कुबेर आदि लोकपालोके ४ भवनोंको ४ गुफाए कहा गया है। ३- प्रथम द्वाष्टसे चैत्यालयों के कोनोंवाले सौमस वनमे हैं और द्वि दृष्टिसे नन्दन वनमें। ४. पूर्व दिशाको आदि लेकर सोम आदि लोके ४ कूटोक नाम प्रथम दृष्टिसे क्रमश मान, धारण, गन्धर्व व चित्र हैं, तथा द्वि० दृष्टिसे वज़, वज्रमय, स्वर्ण व स्वर्णप्रभ है । 66 02 एक अमीक 100 210 महत्तर क www.jainelibrary.org
SR No.016010
Book TitleJainendra Siddhanta kosha Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2002
Total Pages639
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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