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________________ लोक २. लोकसामान्य निर्देश तीन लोक २०००० यो. २०००० यो २०००० यो. चित्र-६ संकेत-यो- योजन को० = कोश teerup लोक के शिखरनी चालवलय राज - सिद्ध लोक =३२१६२२४१३ धनुष राज खिला पच अनुतर नन अनुदिश नवौदेषक आरण . .अच्युत आनत पाणत शालार सहस्रार । क त्रसनानी सान्तव कान्छि । ((५५राजू बह्म समत्कुमार माहेन्द्र सौधर्म ऐशान लोकके बहुमध्य भागमे लम्बायमान -१४ राजूते ज्योतिष लाक १० गो. चिनावली 40H भाग →३३ राजू - लोक सामान्य:राजू------ ----- अस नाली - १३ राजू ३२१६२२४१३ धनुष कैराप्रभा वातवलय वातवनम TT हातमाप्रमा xवालवलय +++ो . Y dhe TET०००० यो ६०००० यो -दराजू ---- २०००० यो +-२००००० लोक के लवतीं वातवलय -२०००० यो x लोक के नीचे वाले एक राजू प्रमाण कलकल नामक स्थावरलोक को धारो जोर से प्रेरकर अवस्थित ६०००० यो मोटा वातवलय। जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016010
Book TitleJainendra Siddhanta kosha Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2002
Total Pages639
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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