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________________ जन्म ३२२ ६. गति-अगति चूलिका ११.गुणोत्पादन सारणी- अर्थात कौन गतिसे किस गतिमें उत्पन्न होकर कौन-कौनसे गुण उत्पन्न करनेके योग्य होना सम्भव है तथा शलाका पुरुषों में से क्या-क्या बनना सम्भव है। संकेत- ४-नहीं होता; उ.-उत्पन्न कर सकते हैं; नि.उ.नियमसे उत्पन्न करते हैं। नि.र-नियमसे रहता है; वि.र. विकल्पसे रहता है। शेष संकेतोंके लिए देखो जन्म/६/१। कौनसे गुण उत्पन्न कर सकता है किस ज्ञान सम्यक्त्व संयम शलाका पुरुष किस गतिमें आकर गतिसे ष.ख./६ मा योग जोड मति श्रुत अवधि मन.पर्यय केवल सम्यक मिथ्यात्वे सम्यक्त्व संयमासंयम संयम बलदेव वासुदेव चक्रवर्ती तीर्थकर x x x x x x x १. नरक गतिसे-(प.ख.६/१,६-६/सूत्र २०३-२२०/४८४-४६२); (म.आ./११५५-११६१); (रा.बा./३/६/७११६८/३०); (ह.पु./४/३७६-३८२); (त्रि.सा./२०४)। २०३-२०४ | सप्तम पृथिवीसेतियंच २०५ | xxx २०६-२०७ षष्ट पृथिवीसे (तियच २०८ उ. 1 मनुष्य २०६-२१० पंचम पृथिवीसे (तियंच र मनुष्य २१२ | .. २१३-२१४ चतुर्थ पृथिवीसे (तियंच २१५ , । मनुष्य २१६, २१७-२१८ तृ० द्वि० प्र० पृथिवीसे (तियंच मनुष्य २२० | " " | उ. उ. " " " ' उ. | | २. तिर्यंच गतिसे-(प.व./६/१,६-६/सूत्र २२१-२२५/४६२-४६३); (ति.प./५/३१०-३१४); (त्रि.सा./५४६) २२१-२२२ । सामान्य ति. संख्य० नरक २२३| उ. | उ. | उ.| उ ४] ४| तियच मनुष्य xxx xxx x x xxxxx xxxx xxxxxxxxx x x x x x xxxxxxxxxxxxx x । xxx x; : xxx । । xxxx देव xx x x x 4x4xx 'नारक x ति.प./ सभी ३४ प्रकारके मनुष्य १/३१४ एम. बा. आदि ति. संख्य. --xx x xउ, | | (दे०जीव समास) - ति. असंख्य ० दे ति. संख्यावत ही जानना ३. मनुष्य गतिसे-(प.स्व.६/१,६-४/सूत्र २२१-२२५/४६२-४६३) २२१-२२२ । | चारों । - उपरोक्त तियंचवत --- ४. देवगतिसे- (प.ख.६/१,६-६/सूत्र २२६-२४३/४६४-५००) २२६-२२७ । देव सामान्य I तिर्यंच, २२८ उ. | उ. | उ. | ४ | Ixxxxxx 7 मनुष्य २२६, २३०-२३१ (भवनत्रिक देवदेवी तिर्यच सौधर्म द्विको देवी 1 मनुष्य | २३४ (सौधर्मसे शतार | तियंच सहस्रार तकके देव | 1 मनुष्य २३५-२३६ | आनतसे अन्त ग्रैवे. मनुष्य २३८-२३६ अनुदिशसे अपराजित २४० नि र.नि.र. वि.र २४१-२४२ सर्वार्थ सिद्धि देव 24x4xx x xxxbE xx xb ::: ::. :::xx x xxx xxx xx x :: xx X : h : . जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016009
Book TitleJainendra Siddhanta kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2002
Total Pages648
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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