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________________ गणित २२४ II गणित विषयक प्रक्रियाएँ (४) यदि -क, तो ..न-क-न ब एक ही हार होता है । यथा (+3+1)(32+३+3) इस प्रकार सर्व राशियोंके हारोंको समान करना समच्छेद कहलाता है) अब संकलन करना होइ तो परस्पर अंशनिको जोड़ दीजिए और व्यकलन करना होइ मूल राशिके अंशनिविष अणराशिके अंश घटाइ दीजिए । अर हार सबनिके समान भए । ताते हार परस्पर गुणे जेते भए तेते ही राखिए। ऐसे समान हार होनेते याका नाम समच्छेद विधान है। उदाहरणार्थ ५४ ६०+४+१४ .. -क + न-१ के (५) -कतो -- कता बस - क- - आर और +१ २ ३ ६० ४८ ५४ ६०+४८-५४ (६) यदि -क और - क+स, तो कोई सम्भवतः प्रमाणका भाग देइ भाज्य व भाजक (अंश व हार) राशिका महत् प्रमाणकौं थोरा कीजिए वा निःशेष कीजिए तहाँ अपवर्तन संज्ञा जाननी। -क-स, तो ब' म+ ___(७) यदि - क और बा दूसरा भिन्न है, तो गुणकार विषै गुण्य और गुणकारके अंशको अंशकरि और हारको हारकरि गुणन करना। यथा ५४३४३%3%D8 भागहार विषै भाजकके अंशको हार कीजिए और हारनिको अंश कीजिये । ऐस पलटि भाज्य भाजकका गुण्य गुणकारवत (उपरोक्त) विधान करना। वर्ग और घनका विधान गुणकारवत हो जानना। अर्थात अंशों वहारोंका पृथक्-पृथक् वर्ग व घन करके अंशके वर्ग या धनको लब्धका अंश और हारके वर्ग या घनको लब्धका हार जानना । (८) यदि - क और अल-क+स, तो (e) यदि अ - क और सब-क+स. तो यथा (4) अथवा (५) २६ वर्गमूल व घनमूल का विधान भी वर्ग व धनवत जानना अंशका वर्ग या घन तो लब्धका अंश है और हारका वर्ग या धन लब्धका हार है। (१०) यदि अ - क और * - का, तो मन्या (¥)-२१अमा () - (१) यदि 4 और 24-७, तो २१४3 कस क' - क +4-स भिन्न परिकाष्टक विषयक अनेकों प्रक्रियाएँ ५.३/१,२,५/गा.२४-३२/४६ तथा (ध.५/प्र.११) ११. शून्य परिकर्माष्टककी प्रक्रियाएँ गो. जी /पूर्व परिचय/६८/१७ अब शून्य परिकर्माष्टक लिखिए है। शुन्य नाम बिन्दीका है। ताके संकलनादिक (पूर्वोक्त आठों) कहिए है। यदि म - क और दर - क तो दर मलिक) या एक बार (३) यदि म = क और मक संकलन =अंक+0== अंक व्यकलन - अंक-0= अंक गुणकार - अंक x 00 वर्ग - (०)२ वर्गमूल - घन - (०)३ -. घनमूल -(0) भागहार - अंक-0cc (अक्क्तव्य) तो (क-क)+म-म जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016009
Book TitleJainendra Siddhanta kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2002
Total Pages648
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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