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________________ इतिहास ग्रन्थ ४६। सर्वार्थ सिद्धि ४७ आत्मानुशासन ४८ समाधि तन्त्र ४६ इष्टोपदेश ५० कर्म प्रकृति संपण ५५. जंबूदीव सघायणी ५१ शतक ५२ शतक चूर्णि ५३ लोक विभाग ४५ ५४ बन्ध स्वामित्व ४८०-५२६ ६० दोहा पाहुड ६१ अध्यात्म सन्दोह ६२] सुभाषिततन्त्र 25 परमात्मप्रकाश उत्तरार्ध ५१ योगसार ६६ नवकार श्री. ६७ पचसंग्रह ५६ षट्दर्शन समु ५७ कर्मप्रकृति चूर्णि ४६३-६६३ | अज्ञात ६. ईसवी शताब्दी ६ ६३) तत्त्वप्रकाशिका श ६ उत्तरार्ध । ६४ अमृताशीति ६५ निजाष्टक ७४ द्वात्रिशिका ७५ एकविंशतिगुण समय ई. सन् स्थान प्रकरण ७६ शाश्वत जिन ४४३ ६८ 48 सूर्य ७० ज्योतिष्करण्ड ७१ जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति ७२ कल्याण मन्दिर ५६८ ७३ सम्मति सूत्र स्तुति ७७ रामकथा ६०० ७८ विशेषावश्यक ५६३ भाष्य ८१ सप्ततिका (सर) ८२. क्षेत्र सभास बृ संघायणी सुन्त - Jain Education International रचयिता शिवशर्म सूरि (श्वे ) श५-८ अशत लगभग ६० अज्ञात (ये) सर्वनन्द यथा नाम हरिभद्रसूरि कर्म सिद्धान्त (श्वे ) लोक विभाग विषय वाटीका स त्रिविध आत्मा ७. ईसवी शताब्दी ७ : पूर्वपाद ६०६ अध्यात्म प्रेरणापरक उपदेश कर्म सिद्धान्त योगेन्दुदेव | अध्यात्म सिद्धसेन दिवाकर यथा नाम कर्म सिद्धान्त " तत्वार्थ सूत्र टी. अध्यात्म 11 श्रावकाचार कर्म सिद्धान्त लोक जिनमदगणो जैन दर्शन (श्वे.) दि. ६०० पात्रकेसरी न्याय ८० जिनगुण स्तुति भक्ति (पात्र केसरी स्त.) 33 भक्ति (स्तोत्र) तत्त्वार्थ, नयवाद भक्ति जीव काण्ड भक्ति कीर्तिधर इसी के आधार पर पद्मपुराण रचा गया " लोक विभाग कर्म सिद्धान्त अज्ञात जिनभद्र गणी अढाई द्वीप आयु अवगाहना आदि ११ " 99 ят PRAD শ अप " 59 75 " 35 ३४१ ग्रन्थ ११ |१०० पउमचरिउ १०१ रिट्टणेमि चरिउ 23 प्रा १०२, स्वयम्भू छन्द अप १०३, विजयोदया प्रा. ८६ अष्टशती ८७ लघीयस्त्रय सं. ८४ भक्तामर स्तोत्र | ६१८ राजपातिक ८ बृहद् त्रयम न्यायविनिश्चय १० सिद्धि ६९ प्रमाण संग्रह ६२ न्याय चूलिका ६३) स्वरूप सम्बो. 91 प्रा १०५ सत्कर्म प्रा अध्यात्म भक्ति ६४ अक्लक स्तोत्र १५ जीवक चिन्ता' मध्यपाद तिरुतक्कतेवर तमिल काव्य मणि ६६ पद्मपुराण 400 लघु तत्त्वार्थ सूत्र ७०० कर्म स्व ८. ईसवी शताब्दी ८ : १०४ प्रामाण्य भग सं. १०६ गद्य चिन्तामणि ६६ तत्त्वार्थाधिगम मध्यपाद ! भाष्य लघु वृत्ति प्रा. ११० छत्र चूडामणि सं. १९१ अष्ट सहस्री ११२ आप्त परीक्षा ११३) पत्र परीक्षा ११४ प्रमाण परीक्षा ११५ प्रमाण मोमासा १९६ जल्प निर्णय | ११७ नय विवरण ११८ १०. आगम समयानुक्रमणिका रचयिता । विषय मानतुग भक्ति ६२०-६०० अ भट्ट तत्वार्थ सूत्र टो आप्त मी. टीका न्याय समय ई सन् युक्त्यनुशासन ११६ सत्य शासन परीक्षा १२० लोक १०६ धवला १०७ जय धवला १०८ शतकचूर्णि बृहत् ७७०-८६० • १२१ विद्यानन्द रविषेण प्रभाचन्द्र ईश ७८ । अज्ञात जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश For Private & Personal Use Only तत्त्वार्थ हरिभद्र (याकिनीसूनु)) ७३४ -८४० विस्वयभू जैन रामायण ७३६ मध्यपाद ७७०-८२७ महोदय १२२ बुद्ध ेशभवन व्याख्यान प्रा. १२३ श्रीपुर पार्श्वनाथ स्तोत्र १२४ वाद न्याय ७७६ " १२५ हरिवश पुराण ७८३ जैन रामायण सरवार्थ | कर्म सिद्धान्त अपराजित सुरि अनन्तकीर्ति वीरसेन नेमिनाथ चारित्र षट्खण्डागमका अतिरिक्त अभि षट्खण्डागम टी. कषाय पाहुड टी. अज्ञात (श्वे ) कर्म सिद्धान्त मादीपसिह जीवन्धर चरित्र 13 विद्यानन्द वातीकी टी न्याय כ " तत्त्वार्थ सूत्र टी. सर्वप्रथम रचना न्याय अन्तरिक्ष पार्श्वनाथ स्तोत्र s छन्द शास्त्र भगवती आराधना स टीका न्याय कुमार नन्दि न्याय जिनसेन प्रथमानुयोग P 4 प्रा. स अप 33 प्रा. " 99 सं. 27 כי www.jainelibrary.org
SR No.016008
Book TitleJainendra Siddhanta kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2003
Total Pages506
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size18 MB
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