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________________ ७३ हिन्दी-गुजराती धातुकोश छतिया अ. ना देश. (छाती संज्ञा) छाती से छरछरा अ. अनु. घाव पर क्षार लगने से पीड़ा लगाना. तुल. गुज. छाती संज्ञा 1483 होना; कणों आदि का ‘छर-छर' करते हुए छनक स. अनु. (दे. पृ. 298, मा. हि. को- गिरना; स. जलन उत्पन्न करना. तुल. गुज. चचर 1497 2) 'छन छन' शब्द होना; भड़कना 1484 छनछना अ. अनु. तपी हुई धातु पर जलकण छल स. भव (सं. छलू ; प्रा. छल ; दे. इआले छोड़ने से 'छन छन' शब्द होना; कुद्ध होना; 5003) धोखा देना; ठगना. गुज. छळ 1498 'छन छन' शब्द उत्पन्न करना. गुज. छछण, छलक अ. अनु. देश. (* छलक; दे. इआले छणछण 1485 ___5002 ) मुह तक भरे हुए जल या दूसरे छपक अ. अनु. (दे. पृ. 298, मा. हि. को तरल पदार्थ का हिलने के कारण बरतन के 2) किसी चीज़ से आघात करना; थोड़े पानी बाहर गिरना; उछलना. गुज. उल्का; तुल. में हाथ-पैर मारना 1486 गुज. छलक, छालक संज्ञा 1499 छपछपा अ. दे. 'छपक' 1487 छलछला अ. अनु. आँखों का भर आना, आद्र हो जाना 1500 छपट अ. देश. चिपकना; आलिंगित होना 1488 छलमल अ. दे. 'छलक' 1501 छपरिहा अ. ना. देश. (छप्पर संज्ञा) छप्पर का छहक अ. देश. (अ. व्यु. दें. पृ. 117, हि. गिरना; छप्पर से गिरना या टूटना 1489 दे. श.) चमकते हुए लहरानाः बिखरना *छब अ. ना. देश. (छबि संज्ञा) छवि से 15020 युक्त होना, सुशोभित होना 1490 छहर अ. देश. छितराना, बिखरना 1503 छम स. देश. क्षमा करना 1491 छहरा अ. दे. 'छहर' 1504 छमक अ. अनु. (दे. पृ. 300, मा. हि. को - छांग स. देश. छिन्न करना; कुल्हाडी आदि से 2) घुघरुओं आदि के बजने का शब्द होना; पेड़ आदि की शाखा काटना 1505 स. छौंकना. गुज. छमक 1492 छाँट स. देश. (* छण्ट् ; प्रा. छाँट संज्ञा; दे. छमछमा अ. अनु. (* छम्म; दे. इआलें 49- इआलें 4970) काटना; चुनना. गुज. छांट 97) 'छम-छम' शब्द करना, 'छम-छम' 'छिटकना' 1506 करते हुए चलना. गुज. छमक; तुल. छमछम छाँड़ स. दे. 'छाड़' 1507 1493 छाँद स. देश. (*छन्द; दें. इआलें 4984) छय अ. ना. देश. (छय संज्ञा) क्षय होना; स. बाँधनाः हाथों से पैर पकड़कर बैठ जाना; क्षय करना 1494 चौंपायों के पिछले दोनों पैरों को सटाकर रस्सी छर स. भव (सं. क्षर्, प्रा. खर्; दे. इआले से बांधना जिससे वह दूर जाने न पाये 1508 ___3663 तथा 4965 ) चूना; छंटना 1495 छाँध स. दे. 'छाँद' 1509 छरक अ. अनु. (दे. पृ. 300, मा. हि. को - छा अ. भव (सं. छद् प्रा. छाय् ; दे. इआले 2) किसी पदार्थ का कभी तल या धरातल 5018) ऊपर फैलना, बसना; स. ढकना; को स्पर्श करते हुए और वेग से उछलते हुए मकान पर छप्पर या खपरैल डालना. गुज. छा आगे बढ़ना.गुज. छरक 1496 1510 १० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016001
Book TitleHindi Gujarati Dhatukosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRaghuvir Chaudhari, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1982
Total Pages246
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary, Dictionary, & Grammar
File Size15 MB
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