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________________ 865 पीडा से 'उँह' आवाज निकालना; कबूतरों खोंस लेना; फुबती चुनना 874 का 'गुटुर गूं' करना 860 कोंछिया स. दे. 'कोंछ' 875 कूँद अ. दे. 'कुन' 861 कोंप अ. ना. भव ( कोंपल संज्ञा; सं. कुछमल; कूक अ. अनु. (कुक्क् ; प्रा. कुक्क् ; दे. इआले प्रा. कुप्पल; दें. इआले 3250) पौधौं, वृक्षों 3390) कोयल, मोर आदि का कू-कू शब्द आदि में नये अंकुर फूटना; कोंपल निकलना. करना; सूरीली ध्वनि निकालना; स. चाबी तुल. गुज. कुंपळ, कोंपळ 876 देना 862 कोक स. ना. वि. (कोक संज्ञाः फा. दे. पृ. कूज अ. सम. (सं. कूज् ) मधुर ध्वनि करना. ____586. मा. हि. को.) कच्ची सिलाई करना, गुज. कूज 863 लंगर डालना 877 कूट स. भव (सं. कुट्ट; प्रा. कुट्ट; दे. इआले कोच स. देश. (* कोच्च; दे. इआले 3489) 3241 ) मूसल-मुंगरी से किसी चीज़ को कोई नुकीली चीज़ चुभौना. गुज. कोच 878 लगातार पीटना; मारना-पीटना. गुज. कूट 864 कोड़ स, भव (सं. कुद्; दे. इआले 3495 कूत स. ना. देश (कूत संज्ञा) किसी वस्तु का तथा 3934) गोड़ना 879 मान, मूल्य या महत्त्व अटकल से आँकना कोप अ. ना. सम (सं. कोप संज्ञा) कोप करना 880 कूथ अ. दे. 'फॅथ' 866 कोर (1) स. दे. 'कोड़' कूद अ. अर्धसम (सं. कूर्द ; दे. इआले 3412) (2) स. देश. (*कुर; दे. इआले 3530) किसी ऊँचे स्थान से नीचे स्थान की ओर खुदाई करना; चित्रादि करना. गुज. कोर 881 एक बारगी तथा बिना किसी सहारे के उतरना; कोल स. देश. (अ. व्यु. दे. पृ. 108, हि. स. फाँदना. गुज. कूद 867 दे. श.) नुकीली चीज़ से खोदना; अ. कूह स. देश. मारना-पीटना; बुरी तरह से हत्या विह्वल होना 882 करना 868 कोलिया अ. ना. देश. ( कोलिया संज्ञा ) तंग कॅकिया अ. दे. 'किकिया' 869 गली से जाना 883 केन स. दे. 'कीन' 870 कोस स. भव. (सं. कुश; दे. इआले 3612) निंदा करना; गालियों के रूप में शाप देना 884 केरा स. भव (सं. क; दे. इआलें 3467) *कोहा अ. ना. भव (कोह संज्ञा; सं. कुधूः सूप में अन्न रखकर उसे हिलाकर बड़े और र प्रा. कुहण विशे; दे. इआले 3599) क्रोध छोटे दाने अलग करना 871 करना; नाराज होना 885 केवट स. ना. भव (केवट संज्ञा; सं. केवतः । त: कौंध अ. ना. देश. ( कौंध संज्ञा; अ. व्यु. दे. पृ. प्रा. केवटूट; दे. पृ. 579, मा. हि. को.) ____108, हि. दे. श.) बिजली का चमकना 886 नाव खेना; पार उतारना 872 कौआ अ. ना. भव (कौआ संज्ञा; सं. काक संज्ञा कोंच स. दे. 'कोच' 873 प्रा. काय; दे. इआलें 2993 ) कौओं की तरह कोंछ स. ना. देश. (काँछ संज्ञा) कोंछ भरकर काँव-काव करना; व्यर्थ शोर या हल्ला करना आँचल के छोरों को कमर में पीछे की ओर 887 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016001
Book TitleHindi Gujarati Dhatukosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRaghuvir Chaudhari, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1982
Total Pages246
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary, Dictionary, & Grammar
File Size15 MB
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