SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 9
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भगवान महावीर के पावन जयन्ती समारोह पर महावीर जयन्ती स्मारिका इस वर्ष भी प्रकाशित की जा रही है यह जानकर प्रसन्नता हुई। वे आपके कार्य की सफलता चाहते हैं। जगदीशचन्द्र सक्सेना नई दिल्ली ___ सचिव, गृह मन्त्री, भारत सरकार यह जानकर मुझे खुशी हुई कि भगवान महावीर के पावन जयन्ती समारोह पर महावीर जयन्ती स्मारिका प्रकाशित की जा रही है। जैनी लोग इस देश में पुरातन काल से अहिंसा का प्रचार करते आये हैं। यह परम्परा अटूट रूप से आज तक चली आ रही है। आज के युग में जैन विचारों की ओर लोगों का काफी झुकाव है। इसलिए यह आवश्यक है कि भगवान महावीर की शिक्षादीक्षा तथा उनके साहित्य का प्रचार जन-साधारण में हो ताकि लोग उससे लाभ उठायें और अपने जीवन में उसे उतारने का प्रयत्न करें। में इस अवसर पर अपनी शुभकामनायें भेजता हूँ। राम सुभगसिंह नई दिल्ली कृषि मन्त्री, भारत सरकार + + - - - - -- हाक भगवान महावीर कादार यह अत्यन्त हर्ष की बात है कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान महावीर के पावन जयन्ती समारोह के अवसर पर आप एक स्मारिका का प्रकाशन कर रहे हैं। जैन दर्शन और जैन धर्म पर शोधपूर्ण लेखों के लिये आपकी स्मारिका ने साहित्य जगत में एक विशेष स्थान प्राप्त किया है। __ भौतिकता की ओर द्रतगति से अग्रसर हो रही हमारी आधुनिक सभ्यता के उद्धार के लिये यह अत्यन्त आवश्यक रा प्रतिपादित सर्व जीव समभाव, सर्व जाति समभाव एवं सर्व धर्म समभाव आदि के सिद्धान्तों का अधिक से अधिक प्रचार एवं अनुसरण हो। इस जयन्ती समारोह के अवसर पर मैं भगवान महावीर की स्मृति में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ और आपकी स्मारिका की सफलता की कामना करता हूं। मोहनलाल सुखाड़िया जयपुर मुख्य मन्त्री, राजस्थान Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014041
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1964
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChainsukhdas Nyayatirth
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1964
Total Pages214
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy