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________________ १. सन्देश २. सम्मतियां ३. प्रकाशकीय ४. सम्पादकीय ५. भगवान महावीर का स्तवन ६. भगवान महावीर एक सिद्धान्त थे अनुक्रमणिका ७. भारतीय संस्कृति को जैन संस्कृति का योगदान ८. जैन धर्म की प्राचीनता ६. भारतीय भाषाओं को जैन साहित्यकारों की देन १०. जैनधर्म और राज्य व्यवस्था ११. जैन दर्शन और विज्ञान के आलोक में आरोह-अवरोहशील विश्व १२. वेदों में तीर्थंकरों की स्तुति १३. पांच मुक्तक ( कविता ) १४. धर्म का मापदण्ड - आध्यात्मिकता १५. संवत्सरी पर्व का सांस्कृतिक महत्व १६. जैन धर्म का उदय और विकास १७. संदेश काव्य परम्परा में जैन कवियों का योगदान १८. महावीर और गोशालक १६. महयंदिण मुनि २०. बैराठ स्थित मुगलकालीन जैन-मन्दिर २१. अपरिग्रह और समाजवाद २२. जैन अभिलेखों का ऐतिहासिक महत्व २३. महावीर का अनैकांतिक अहिंसा-दर्शन २४. धर्म व संस्कृति की आत्मा Jain Education International -- - --- - - पं० चैनसुखदास डा० छविनाथ त्रिपाठी डा० ज्योति प्रसाद जैन मुनि श्री बुद्धमलजी श्री रामावतार शर्मा, एम. ए. डा० पुरुषोत्तमलाल भार्गव प्रो० शान्तिकुमार पारख एम. ए. मुनि श्री नगराजजी डा० वासुदेवसिंह डा० सत्यप्रकाश श्री बिरधीलाल सेठी श्री रामबल्लभ सोमानी श्री युगल जैन श्री सत्यदेव विद्यालंकार 73672 For Private & Personal Use Only 13 16 17 19 21 Dal . मुनि श्री महेन्द्र कुमारजी द्वितीय मुनि श्री महेन्द्र कुमारजी प्रथम श्री ' तन्मय' बुखारिया ४३ डा० रतन कुमार जैन पी एच. डी. ४४ श्री बद्रीप्रसाद पंचोली ५२ ५८ ६१ ६५ දිය ७१८ १५ ३० ३५ ३७ ७३ 15 S ८३ ८६ www.jainelibrary.org
SR No.014041
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1964
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChainsukhdas Nyayatirth
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1964
Total Pages214
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size15 MB
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