SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 432
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बाड़मेर जिला - नवनिर्मारण की ओर zili 1. भगवान महावीर नगर की स्थापना : बाड़मेर नगर में नगरपालिका की ओर से भगवान महावीर नगर की स्थापना की गई। यह नगर महाविद्यालय के समीप एक विशाल क्षेत्र में बसाया जा रहा है। जिसमें करीबन 2350 भावासीय भूखण्ड होंगे | फिलहाल 1151 प्लाट बनाने की योजना क्रियान्वित कर दी गई है । इस नगर में पार्क, बाजार, पोस्ट ग्राफिस, बैंक, शिक्षण संस्थानों के अतिरिक्त भगवान महावीर पार्क हेतु भूखण्ड सुरक्षित रखे गये हैं। इस नगर में अनुसूचित एवं जनजाति के लोगों को भी प्राथमिक्ता के साथ प्रावासीय भूमि आवंटित की गई है । 10 2. भगवान महावीर चौक : बाड़मेर नगर के कल्याणपुरा जैन मंदिर के सामने वाले चौक का नाम भगवान महावीर चौक रखा गया है । जिसका निर्माण कार्य नगरपालिका बाड़मेर करवा रही है। इस चौक को डामर से पक्का बनाया जा रहा है जिसमें भगवान महावीर के उपदेशों का एक स्मारक भी स्थापित किया जावेगा । इस चौक पर करीबन 25000 रुपये व्यय होने का अनुमान है। यह निर्माण कार्य निर्वाण महोत्सव वर्ष में ही पूर्ण किया जायेगा । 3. महाबीर मार्ग . बाड़मेर नगर के तेलीपाड़ा के समीप हेमराज मेहता के निवास स्थल वाली गली का नामकरण निर्वाण महोत्सव वर्ष में 'महावीर मार्ग' रखा गया है | Jain Education International 4. भगवान महावीर मंच : राजकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में एक सुन्दर एवं पक्का 'भगवान महावीर मंच' का निर्माण करवाया गया है। इस निर्माण कार्य पर करीबन ० 40001व्यय हो चुके हैं । यह निर्माण कार्य बाड़मेर जिला भगवान महावीर 2500वt निर्वाण महोत्सव समिति द्वारा किया गया है । 5. भगवान महावीर शिलालेख । दीपावली 1975 से पूर्व राज्य सरकार से प्राप्त भगवान महावीर स्वामी के उपदेशों का एक शिलालेख स्तम्भ नवनिर्मित होने वाले भगवान महावीर उद्यान में नगरपालिका बाड़मेर द्वारा स्थापित किया जावेगा । 6. भगवान महावीर उद्यान का निर्माण : नगरपालिका बाड़मेर की ओर से जिलाधीश कार्यालय के सामने करीबन 40 हजार रुपये की लागत से एक महावीर उद्यान का निर्माण हो रहा है। जिसमें सुन्दर एवं प्राकर्षक फव्वारा बनाया जा रहा है । इसी पार्क में 40 हजार की लागत से महावीर कुटीर हेतु दो सुन्दर कमरों का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें जैन संस्कृति का दिग्दर्शन करवाया जावेगा। जिले की प्राचीन शिल्पकला कृतियों, ग्रन्थ एवं चित्रों को इस कुटीर में संजोय रखने की समुचित व्यवस्था की जायेगी । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014031
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1975
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Polyaka
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1975
Total Pages446
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy