SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 428
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ स्थान के वित्त मंत्री । चन्दनमल जी वैद विशेष रूप से पधारे थे। मैं चारों ही जगह के मायोजकों व कार्यकर्तामों को सुन्दर प्रबन्ध व व्यवस्था के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। श्री घेवर चन्द नो कानूनगो, रिखबराज जो कर्णावट, माणकचन्द जी संचेती, लक्ष्मीचन्द जी, श्री गांधी जी प्रादि जोधपुर के कार्यकर्ता एव श्री अमरचन्द जो लूणियां, मांगीलाल जी जैन, श्री लाल जो कावडिया माणक चन्द जी सागानी मादि अजमेर के कार्यकर्ताओं, श्री बच्छर ज जी पारख, सम्पतराम जी भादाणी एवं श्री कन्हैया लाल जी छाजेड आदि डूंगरगढ़ के कार्यकर्ताओं तथा श्री कोचिन्द जी टांक, राजकुमार जी बैगानी, श्री कैलाशचन्द जी, पूनम चन्द जी, सुरेन्द्र कुमार जो श्री माल, अशोक संचेती आदि जयपुर के कार्यकर्ताओं को प्रावास, भाजन व प्रान्य सभी प्रकार की व्यवस्था के लिए मैं भनेकानेक धन्यवाद देता हूं। जयपुर से सात मील दूर सुराना फरम में भगवान महावीर केवलज्ञान दिवस प्राचार्य तुलसी के सानिध्य में मनाया गया। जिसमें केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री सी. सुब्रह्मण्यम् राजस्थान के वित्त मंत्री श्री चन्दन मल जो वैद, राजस्थान के सीकर श्री राम किशोर व्यास ने भाग लिया। समिति के कार्य सम्पादन में अध्यक्ष श्री भागचन्द सोनी की सूझबूझ का बड़ा सहयोग रहा है । कार्याध्यक्ष श्री राजरूप जी टांक हमारे प्रेरणा व शक्ति के केन्द्रक रहे हैं। जहां जहां भी हमारे कार्यों में दिक्कतें आई वे ढ ल बनकर हमारे वारण के लिए समुपस्थित रहे । अन्यान्य पदाधिकारियों का भी यथोचित सहयोग मिलता रहा है। श्री कपूरचन्द जो पाटनी, हीराचन्द जी वैद. रतनलाल जी छाबड़ा व पन्नालाल जी बाठिया ने समिति को अत्यन्त महत्वपूर्ण सेवायें की है। श्री कपूरचन्द जी पाटनी का हर कार्य में प्रत्यन्त सक्रिय सहयोग मिला है। जयपुर में जुलूस का जब जब भी विराट आयोजन हुप्रा उसकी सम्पूर्ण सुन्दर व्यवस्था में कपूर नन्द जी पाटनी जी ने अथक परिश्रम किया है। विशाल जलूसों को सुन्दर ढंग से संगठित करने का भार श्री कपूरनन्दजी पाटनी पर रहा है। पौर राजस्थान में जुलूस सज्जा और व्यवस्था की दृष्टि से उन्होंने कीर्तिमान स्थापित किया है। . हीराचन्द जी वैद के जिम्मे विकलांग सहायता समिति हेतु द्रव्य इकट्ठा करना है। इस माध्यम से वे मानवता को बहुत बड़ी सेवा कर रहे हैं ! श्री रतनलाल नी छाबड़ा, श्रीपन्नालाल बांठिया का सहयोग जब भी जिस रूप में महासमिति ने चहा है उसे मिला है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों को सफल बनाने में श्री बाबूलाल जी पाटनी, श्री तिलकराज जी सहयोग रहा है। श्री ज्ञानचन्द जी संचेती व श्री लक्ष्मी नन्द जी जैन के पाथियों के तथा अन्यान्य सभी संगीत जैन मण्डलोंका हमारे सभी सांस्कृ िक काय कमा में पूर्ण योगदान रहा है जिसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं। श्री चन्दनमल जो गुजरानी, होराभाई एम. चौधरं', मोतीलाल जी भड़कतिया, सौभागमल जा नाहटा, गुमानमलजी, उमरावमल जी चोरडिया, सरदार चौपड़ा, सरदारमल जो ढढा, मन्नालाल जी सुराना, खेलशंकरभाई दुलभ जी, दाबूलाल जी शाह केवल चन्द जी ठोलिया, जयकुमार जी जैन, शीलप्रसाद जी, तिलकराज जो, महेन्द्र जैन, बलभद्र जी जैन, सुरज्ञानीचन्द जी लुहाड़िया, ताराचन्द जी पाटनी व बाबूलाल जी पाटनी का सहयोग विशेष उल्लेखनीय रहा है। डा० मूलचन्द जी से ठया, हुकमचन्द जी भारिल्ल, भंवरलाल जी न्यायतीर्थ मिल पचन्द जैन आदि वनाओं न तथा राजमन जी जैन, व प्रसन्नकुम र जीसेठी जैसे कवियों ने हमारे समारोह को सफल बनाया है। डा० राजमल जी कासलीवाल वृद्धावस्था में भी हमे प्रेरणा व उत्साह Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014031
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1975
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Polyaka
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1975
Total Pages446
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy