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________________ इन अजायबघरों में स्थापित करने हेतु जनसमाज से विशेष अनुरोध है कि अपने-अपने - क्षेत्र में स्थित अजायबघरों को ज्यादा से ज्यादा प्रदर्शित करने योग्य सामग्री भेंट दें। खण्डित मूर्तियां जो पूजनीय नहीं है, को विशेष रूप से प्रदान करने का प्रयत्न करना प्रावश्यक है। 8. भगवान महावीर के 14 उपदेशों का संकलन किया गया है और उन्हें शिलालेख में उत्कीर्ण किया गया है। शिला लेख 6 फीट ऊंचा 3 फीट चौड़ा और 6 इंच मोटा है। इसे विशेष रूप से लाल पत्थर का बनाया गया है ताकि हजारों वर्षों तक यह कायम रह सके । सभी 26 जिला मुख्यावास पर मुख्य चौराहों पर इन्हें स्थापित किया जा रहा है । कोई भी शहर गांव या मोहल्ले में यह शिला लेख स्थापित किए जा सकते हैं। सरकार द्वारा निर्धारित राशि सरकार को देने से शिलालेख निर्दिष्ट स्थान को दे दिए जायेंगे । सभी शहरों व गांवों के नागरिकों के लिए यह स्वर्ण अवसर है और सबको अवश्य अपने अपने शहरों में यह शिला लेख लगवाने चाहिए । जयपुर शहर में बजाज नगर के पास महावीर उद्यान बनाया जा रहा है । प्रान्त के अन्य बहुत से शहरों में महावीर उद्यान निर्मित होने प्रारम्भ हो गये हैं कुछ होने वाले हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर तथा उदयपुर विश्वविद्याखय में जैन शिक्षा का विभाग स्थापित किया जा रहा है । उदयपुर विश्वविद्यालय में विभाग स्थापित करने हेतु अखिल भारतीय साधुमार्गी सभा ने 2 लाख रुयये प्रदान करने का वचन दिया है । इस वर्ष में (दोवाली 1974 से 1975 तक) देशी अथवा विदेशी शराब के लिए जितने लाईसेन्स शुदा दुकानें है उनमें वृद्धि न करने का सरकार ने निर्णय लिया है। 12. राज्य में स्थान-स्थान पर हरिजन व जनजाति के निवास हेतु बस्तीयां बनाई जायेंगी जिनमें मांस एवं शराब का विक्रय नहीं हो सकेगा। ऐसे ग्राम महावीर ग्राम कहलाएगें। 13. राज्य की सभी स्कूलों, कालेजों, पंचायत समितियों व जेलों में भगवान महावीर और उनके उपदेशों (सत्य, अहिंसा. मनेकान्त व विश्व मंत्री) पर प्रवचन मायोजित किये जा 11. इस 14. भारत सरकार के सहयोग से प्रसिद्ध तीर्थ नाकोडा जी में एक ग्रामीण पुस्तकालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया है । जिसके लिए भवन निर्माण स्थानीय संस्थानों द्वारा होगा। 16. भारत सरकार के सहयोग से शीघ्र ही एक महावीर बाल केन्द्र भी स्थापित किया जायेगा। राजस्थान में किसी भी व्यक्ति को अब हमेशा के लिए लूला मोर लंगडा नहीं रहने दिया जायेगा। इस हेतु विकलांग सहायता समिति का गठन किया गया है। जिसमें 2 लाख रुपया राजस्थान सरकार ने प्रदान किये है व 3 लाख रुपया समाज प्रदान कर रही है। इस संस्था की 250)रु0 प्रदान कर कोई भी व्यक्ति माजीवन सदस्य, 1000)२० प्रदान कर संरक्षक तथा 600)रु प्रदान कर कोई भी आजीवन सदस्य बन सकते हैं । जिस किसी भी गरीब व्यक्ति को उपरोक्त सदस्य मुफ्त इलाज हेतु भेजेंगे उसे नि:शुल्क पर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014031
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1975
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Polyaka
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1975
Total Pages446
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size11 MB
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