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________________ स्थापना हेतु राज्य सरकार द्वारा 1 लाख रुपये 12. समिति के तत्वावान में प्रसिद्ध प्राचीन का अनुदान स्वीकार किया जा चुका है और इस जैन ग्रन्थ “कल्पसूत्र" का विभिन्न भाषाओं में बेयर की स्थापना हेतु प्रयास जारी है। अनुवाद सहित शीघ्र ही सचित्र प्रकाशन किया जा 6. राज्य सरकार ने 2500 में निर्वाण वर्ष रहा है। इस कार्य पर लगभग 50 हजार रुपये के उपलक्ष में मौत की सजा को माजीवन कारा- की धनराशि खर्च होने का अनुमान है। इसी प्रकार पास की सजा में बदल दिया है। यह निर्णय प्रब "जैन मार्ट एवं पार्कीटेक्चर" नामक पुस्तक का तक 4 मामलों में लिया जा चुका है। सचित्र प्रकाशन किया जा रहा है जिस पर करीब 7. राज्य के 8 जिला मुख्यालयों के म्यूजि- 75 हजार रुपये खर्च होने का अनुमान है। यमों में महावीर कक्षों की स्थापना की जा रही यह तो हुमा राज्य सरकार द्वारा किये जाने है। इन कक्षों हेतु प्राचीन व दुर्लभ मूर्तियों की वाले कार्यों का लेखा-जोखा। इसके अतिरिक्त उपलब्धि जैन समाज द्वारा की जायेगी। राज्य समाज व जनसहयोग से भी अनेक विकास कार्य सरकार ने इस कार्य हेतु 50 हजार रुपया स्वीकार किये जा रहे हैं जो अलग है । जन सहयोग से किये किया है। जाने वाले कार्यों में साधारणतया पाठशालाओं, ... 8. राजस्थान के समस्त जिला पुस्तकालयों चिकित्सालयों, धर्मशालानों व पुस्तकालयों आदि के में महावीर कक्षों की स्थापना की जा चकी है। लिये भवन निर्माण का कार्य प्रमुख है। इन कार्यों इन कामों में रखे जाने हेतु प्रति पुस्तकालय 500 में खर्च होने वाली धनराशि भी लाखों रुपयों में पुस्तकें व पालमारियां उपलब्ध करवादी गई है। पहुंच चुकी है। 9. भगवान महावीर के उपदेशों को लेकर संक्षेप में भगवान महावीर की 25 वीं निर्वाण शिलालेख तैयार किये गये हैं। इन शिलालेखों को शताब्दी के अवसर पर राजस्थान में सार्वजनिक समस्त जिलों में बनाये जाने वाले महावीर पार्कों और सरकारी स्तर पर जो कार्य हुआ है उसके में प्रतिष्ठित किया जायेगा। इस कार्य हेतु राज्य लिये हम सचमुच गर्व कर सकते हैं। इन्हीं कार्यों सरकार द्वारा 33 हजार रुपये का प्रावधान रखा से सरकार और जनता में जो प्रभूतपूर्व उत्साह इस दिशा में देखने को मिला है उसे देखकर ही भग10. राजस्थान में विकलांगों की सहायतार्थ वान महावीर 2500 वां निर्वाण महोत्सव समिति "भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति" का ने सरकार को यह सिफारिश की है कि इस समागठन किया गया है। राज्य सरकार द्वारा इस रोह की अवधि एक वर्ष के लिये और बढा दी संस्था को 2 लाख रुपये का अनुदान स्वीकार किया जावे तो बहुत ही उपयुक्त होगा। सरकार इस गया है। इस कार्य हेतु राजस्थान के विभिन्न भागों प्रश्न पर गम्भीरता पूर्वक विचार कर रही है। से भी समूचित मात्रा में धनराशि एकत्रित की जा साथ ही समाज के विभिन्न वर्गों को भी चाहिये कि रही है जो कि 5 लाख रुपये तक होने की संभा- वे अपना उत्साह बनाये रखे और जो कार्य इस .वना है। इस समिति के सहयोग से अब तक 40 समारोह के सिलसिले में उन्होंने अपने हाथ में अपंगों के कृत्रिम अंग लगाये जा चुके हैं। लिया है उसे न केवल समुचित ढंग से पूरा ही करें ..... 11. अनुसूचित जाति व जनजाति के व्यक्तियों वरण जनहित के लिए और भी नये कार्य हाथ में - को मकान बनवाये जाने हेतु 4 लाख रुपया अनु. लेकर भगवान महावीर के उपदेशों को अपनी शक्ति ..बान स्वरूप राज्य सरकार द्वारा स्वीकार किया के अनुसार कार्य रूप में परिणित करें। जा चुका हा... जा चुका है। .. . .. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014031
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1975
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Polyaka
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1975
Total Pages446
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size11 MB
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