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________________ ( २ ) इस पत्रिका का यह तृतीय पुष्प - स्तबक अपने में १८ निबन्धों एवं ६ लघुग्रन्थों को समेटे हुए संस्कृत-वर्षाङ्क के रूप में प्रकाशित हो रहा है, जो निश्चय ही मणि-काञ्चन संयोग के रूप में प्रस्फुटित हुआ है। विद्वज्जन सुपरिचित हैं। कि भारत सरकार ने ५१०१ युगाब्द को संस्कृत वर्ष के रूप में घोषित किया है । इस संस्कृत वर्ष में जितने सारस्वत अनुष्ठान इस विश्वविद्यालय में अनुष्ठित हुए हैं, उनका आलेख- पत्र भी इस पुष्प - स्तबक में अनुस्यूत है। वस्तुतः संस्कृतवर्ष ने प्राच्य भारतीय विद्याओं एवं संस्कृत भाषा के विकास की दिशा में नवनवोन्मेष का सुअवसर प्रदान किया है। 'श्रमणविद्या' संकाय पत्रिका के तृतीय पुष्प-स्तबक को संस्कृत-वर्षा के रूप में प्रकाशित हुआ देखना हमारे लिए अतिशय सुखद अनुभूति है । मैं यहाँ इस पत्रिका के लिए महनीय निबन्धों को प्रदान करने वाले विद्वानों एवं लघु-ग्रन्थों के रूप में अपने नव पल्लव के समान रोमन, सिंहली, बर्मी आदि लिपियों से देवनागरी लिपि में रूपान्तरित करके सम्पादित करने वाले मनीषियों को हार्दिक साधुवाद प्रदान करना अपना अहोभाग्य समझता हूँ और इस पुष्प- स्तबक के सम्पादक - मण्डल के सदस्यों के साथ ही साथ इसके सम्पादक प्रो. ब्रह्मदेव नारायण शर्मा को पौनःपुन्येन धन्यवाद प्रदान करता हूँ, जिनके अथक परिश्रम से इस परम्परा की कड़ी अग्रेसर हो रही है। इसी प्रकार इस पुष्प - स्तबक को शीघ्र एवं हृदयावर्जक रूप में प्रकाशित करने के लिए प्रकाशन संस्थान के निदेशक डॉ. हरिश्चन्द्र मणि त्रिपाठी, प्रकाशन सहायक श्री कन्हई सिंह कुशवाहा, ईक्ष्यशोधन- प्रवीण डॉ. हरिवंश कुमार पाण्डेय, सहायक सम्पादक डॉ. ददन उपाध्याय, ईक्ष्यशोधक श्री अशोक कुमार शुक्ल एवं श्री अतुल कुमार भाटिया को सधन्यवाद आशीर्वाद प्रदान करता हूँ। अथ च इसके आकर्षक मुद्रण हेतु श्रीजी - मुद्रणालय के संचालक श्री अनूप कुमार नागर को भी सधन्यवाद आशीर्वाद प्रदान करता हूँ। अन्त में सान्नपूर्णा श्रीकाशी विश्वेश्वर के कर-कमलों में इस पुष्प- स्तबक को समर्पित करते हुए उनसे प्रार्थना करता हूँ कि 'श्रमणविद्या' के नवदिगुन्मीलन में यह पुष्प - स्तबक कृतकार्य हो । वाराणसी श्रावण कृष्ण एकादशी, वि.सं. २०५७ Jain Education International राममूर्ति शर्मा राममूर्ति शर्मा कुलपति सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014030
Book TitleShramanvidya Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBrahmadev Narayan Sharma
PublisherSampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi
Publication Year2000
Total Pages468
LanguageHindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size22 MB
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