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________________ अनुक्रम १. बौद्ध वाङ्मय में मङ्गल की अवधारणा डॉ. ब्रजमोहन पाण्डेय 'नलिन' २. वर्तमान समय में बुद्ध वचन की प्रासंगिकता प्रो. विश्वनाथ बनर्जी ३. बौद्धदर्शन में कालतत्त्व प्रो. रामशंकर त्रिपाठी ४. बौद्धधर्म में मानवतावादी विचार : एक अनुशीलन प्रो. ब्रह्मदेव नारायण शर्मा ५. अभिधर्म और माध्यमिक प्रो. थुबतन छोगडुब ६. थेरवाद बौद्धदर्शन में निर्वाण की अवधारणा डॉ. हरप्रसाद दीक्षित ७. बोधिसत्त्व - अवधारणा के उदय में बौद्धेतर प्रवृत्तियों का योगदान डॉ. उमाशङ्कर व्यास ८. काव्यशास्त्र की प्रशाखा के रूप में कवि-शिक्षा का मूल्याङ्कन डॉ. राजीव रंजन सिंह ९. शोभाकर मित्र की काव्यदृष्टि डॉ. काली प्रसाद दुबे १०. नेपालराष्ट्र बौद्धदर्शनस्याध्ययनाध्यापनयोर्व्यवस्था तद्विश्लेषणं च डॉ. रमेश कुमार द्विवेदी ११. बंगाल के प्राचीन बौद्धविहारों में श्रमणों के नियम और शिक्षा व्यवस्था श्री षष्ठीपद चक्रवर्ती Jain Education International For Private & Personal Use Only १-५० ५१-६१ ६२-७३ ७४-८१ ८२-८८ ८९-९६ ९७-११३ ११४- ११९ १२०-१२७ १२८-१३२ १३३-१४० www.jainelibrary.org
SR No.014030
Book TitleShramanvidya Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBrahmadev Narayan Sharma
PublisherSampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi
Publication Year2000
Total Pages468
LanguageHindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size22 MB
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