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________________ १०८ श्रमणविद्या-३ ३. अरमेइति (मैत्री) ४. हौरवतात् (श्रेयस) ५. क्षथ्र वेर्य (वीर्य) तथा ६. अमेरेतात (अमृतत्व) ऐसा लगता है कि जरथुस धर्म के प्रवासी का तुषित स्वर्ग के बोधिसत्त्व से अत्यधिक साम्य है। इन प्रभावों या परस्पर साम्य के अतिरिक्त सूर्योपासना के माध्यम से जरथूस धर्म का प्रभाव भी बोधिसत्त्व अवधारणा के कुछ पक्षों पर पड़ा। अमिताभ वैरोचन, दीपंकर जैसे नाम इस प्रभाव के संकेतक हैं तथा अनेक बोधिसत्त्वों को भी सौर उपाधियों से समलंकृत किया जाना भी सूर्योपासना का ही प्रभाव माना जा सकता है। जरथुस धर्म का प्रभाव सूर्योपासना के माध्यम से भक्ति तत्त्व को किसी न किसी रूप में प्रभावित किए जाने के तथ्य के रूप में भी देखा जा सकता है। सूर्योपासना की एक परिणति भारतीय भूमि में भक्ति मार्ग के अभ्युदय के रूप में भी विद्वानों द्वारा अनुमानित है। अत: भक्तिभावना के लक्ष्य के रूप में बोधिसत्त्वों की परिकल्पना का जो पक्ष है उस पर सूर्योपासना के प्रभाव के रूप में भी ईरानी प्रभाव की उपस्थिति की कल्पना सम्भव है। प्रस्तुत प्रसंग का उपसंहरण करते हुए स्वकीय मन्तव्य के रूप में यह कह देना आवश्यक प्रतीत होता है कि यद्यपि ईरानी संस्कृति एवं जरथुस धर्म की प्राचीनता तथा पश्चिमोत्तर भारत में इसकी उपस्थिति एक ऐतिहासिक तथ्य है तथा महायान बौद्ध धर्म के कतिपय पक्षों बुद्धों एवं बोधिसत्त्वों के सौरनामों आदि में इस संस्कृति का कुछ प्रभाव भी संभावित है फिर भी बोधिसत्त्व अवधारणा का जो सैद्धान्तिक पक्ष है उस पर कोई विशेष प्रभाव इस संस्कृति का नहीं माना जा सकता। यह तो बौद्ध धर्म के अपने आन्तरिक रूपान्तरण का ही प्रतिफल है। बुद्धत्त्व के स्वरूप में होने वाले परिर्वतन बोधि धारणाओं में रूपान्तरण आदि ऐसे तथ्य हैं जो बोधिसत्त्व अवधारणा के सौ सौ सैद्धान्तिक पक्ष के विकास के लिए आधार हैं। हाँ, कुछ एक बाह्य पक्ष यथा कतिपय बोधिसत्त्वों के सौरनाम इनका भक्ति भाव का विषय होना आदि सम्भवतः ईरानी संस्कृति एवं जरथुस धर्म से पारस्परिक सम्पर्क के फलस्वरूप उदित माने जा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014030
Book TitleShramanvidya Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBrahmadev Narayan Sharma
PublisherSampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi
Publication Year2000
Total Pages468
LanguageHindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size22 MB
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