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________________ २०२ अलोकाकाश का लक्षण कालद्रव्य का लक्षण व्यवहार काल का लक्षण निश्चय काल का लक्षण अस्तिकायों का वर्णन अस्तिकाय का लक्षण द्रव्यों के प्रदेशों का वर्णन कालद्रव्य अस्तिकाय नहीं है पुद्गल द्रव्य का उपचार से कायत्व वर्णन प्रदेश का लक्षण तत्त्व और पदार्थ के भेद आस्रव तत्त्व का लक्षण अवचूरिजुदो दव्वसंगहो भावास्रव का लक्षण और भेद द्रव्यास्रव का लक्षण और भेद द्रव्य तथा भाव बन्ध का लक्षण बन्ध के भेद और कारण भाव तथा द्रव्य संवर का लक्षण भावसंवर के भेद भाव तथा द्रव्य निर्जरा का लक्षण भाव तथा द्रव्य मोक्ष का लक्षण पुण्य तथा पाप का लक्षण मोक्षमार्ग रत्नत्रय मोक्ष का कारण सम्यग्दर्शन का लक्षण सम्यग्ज्ञान का लक्षण दर्शन और ज्ञान का भेद दर्शन पूर्वक ज्ञान का वर्णन सम्यक् चारित्र व्यवहार चारित्र का लक्षण निश्चय चारित्र का लक्षण दोनों प्रकार का चारित्र मोक्ष का कारण संकाय पत्रिका - २ Jain Education International For Private & Personal Use Only 20 21 21 22 23 24 25 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 = 2x 41 42 43 4 3 4 3 5 44 45 45 46 47 www.jainelibrary.org
SR No.014029
Book TitleShramanvidya Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulchandra Jain
PublisherSampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi
Publication Year1988
Total Pages262
LanguageHindi, English
ClassificationSeminar & Articles
File Size9 MB
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