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________________ . 9 138 237 107 108 231 105 14 104 105 82 107 102 109 186 96 कसायपाहुडसुत्तं 192 सत्तदा गाहाओ 236 सत्तेव णोकसाए 136 सत्तेव णोकसाए 174 सद्दहदि असम्भावं 90 सद्दहदि असम्भावं समयूणा च पविट्ठा सम्मत्तदेसविरयी 115 सम्मत्तपढमलंभो 154 सम्मत्तपढमलंभ160 सम्मत्ते मिच्छत्ते 164 सम्माइट्ठी जीवो 156 सम्मामिच्छाइट्ठी 209 सम्मामिच्छाइट्ठी 243 सम्मत्ते मिच्छत्ते 205 सव्वणिरय भवणेसु 129 सव्वं च कोहकम्म 131 सव्वस्स मोहणीयस्स 29 सव्वस्स मोहणीयस्स सव्वाओ किट्टीओ सव्वावरणीयं पुण सव्वावरणीयाणं सब्वासु वा ट्ठिदीसु च सव्वे मणुसगईए सव्वे वि य अणुभागे 102 सम्वेहि द्विदिविसेसेहि 135 सव्वेसु चाणुभागेसु सम्वेसु चाणुभागेसु 72 सव्वेसु टिदिविसेसा सव्वं जहाणुपुन्वी 85 सागारे जोगम्हि 82 सागारे पट्टवगो 54 सादसुहणामगोदा 30 सादि य जहण्णसंकम लेस्सा साद असादे लोभकसाए णियमा लोभकसाये णियमा लोभम्हि च किट्टीए लोभस्स य णामधेज्जा लंभस्स अपढमस्स [व] वड्ढावड्ढो उवसामणा वड्ढीए अवट्ठाणे वड्ढ'दु होइ हाणी वड्ढेतो किट्टीए वड्ढेदि हरस्से दि च वसस्स्संतो बंधदि वस्सस्संतो बंधदि वस्सेसु असंखेज्जेसु वस्सेसु असंखेज्जेसु वस्ससदसहस्साई वावीस पण्णरसगे वावीस पण्णरसगे वावीस पणय छक्कं विरदीए अविरदीए वीसा य संकमदुगे वेदग उवजोगे वि य वेदगकालो किट्टीय वेदयसम्माइट्ठी वेदे च वेदणीए वोच्छामि सुत्तगाहा वंसीजण्हुगसरिसी [स] सण्णी चदुसु विभज्जो सण्णोसु असण्णीसु सत्त य छक्कं पणगं सत्तारसेगवीसासु 80 136 336 168 79 133 166 34 13 42 159 100 193 219 195 137 83 98 127 57 संकाय पत्रिका-२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014029
Book TitleShramanvidya Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulchandra Jain
PublisherSampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi
Publication Year1988
Total Pages262
LanguageHindi, English
ClassificationSeminar & Articles
File Size9 MB
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