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________________ १५० श्रमणविद्या 171) क्रोध की द्वितीय संग्रहकष्टि से प्रथम संग्रहकृष्टि वर्गणाओं के समूह की अपेक्षा संख्यातगुणी है । द्वितीय संग्रहकृष्टि से तृतीय विशेषाधिक है। इसी क्रम से शेष संग्रहकृष्टियाँ विशेषाधिक जानना चाहिए । 172) जो वर्गणा अनुभाग की अपेक्षा हीन है, वह प्रदेशाग्र की अपेक्षा अधिक है। ये वर्गणाएँ अनन्तवें भाग से अधिक या हीन जानना चाहिए । 173) क्रोध कषाय का उत्तरपद क्रोध की आदि (अर्थात् जघन्य) वर्गणा में से घटाना चाहिए। इससे जो शेष अनन्तवाँ भाग रहता है, वह नियम से क्रोध की आदि (अर्थात् जघन्य) वर्गणा के प्रदेशाग्र में अधिक है। 174) क्रोध के विषय में कहा गया यह क्रम नियम से मान, माया, लोभ की कृष्टि में भी प्रत्येक का है, ऐसा जानना चाहिए। 175) क्रोध संज्वलन की प्रथम कृष्टि द्वितीय कृष्टि से अनुभाग की अपेक्षा नियम से अनन्तगुणी है। पुनः तृतीय कृष्टि से द्वितीय कृष्टि अनन्तगुणी है। इसी प्रकार मान, माया और लोभ की तीनों-तीनों कृष्टियाँ तृतीय से द्वितीय और द्वितीय से प्रथम अनन्तगुणी जानना चाहिए। 176) प्रथम समय में कृष्टियों का स्थितिकाल एक वर्ष, दो वर्ष, चार वर्ष और आठ वर्ष है । द्वितीय स्थिति और अन्तर स्थितियों के साथ प्रथम स्थिति का यह काल कहा गया है। 177) जिस कृष्टि को वेदन करता है, उसमें प्रदेशाग्र का अवस्थान यवमध्य रूप से होता है तथा वह यवमध्य प्रथम और द्वितीय इन दोनों स्थितियों में वर्तमान होकर भी अन्तर स्थितियों से अन्तरित होने के कारण सांतर है । जो प्रथम स्थिति है वह गुणश्रेणी रूप है तथा द्वितीय स्थिति उत्तरश्रेणी रूप है। 178) द्वितीय स्थिति के आदिपद (प्रथम निषेक के प्रदेशाग्र) में से उसके उत्तरपद (चरम निषेक के प्रदेशाग्र) को घटाना चाहिए। ऐसा करने पर जो असंख्या तवाँ भाग शेष रहता है, वह उस प्रथम निषेक के प्रदेशाग्र से अधिक है। 179) उदयकाल से आदि लेकर प्रथम स्थिति सम्बन्धी जितनी स्थितियाँ हैं, उनमें निरन्तर गुणश्रेणी होती है। उदयकाल से लेकर उत्तरोत्तर समयवर्ती स्थितियों में प्रदेशाग्र गणना के अन्त अर्थात् असंख्यातगुणे हैं। संकाय-पत्रिका-२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014029
Book TitleShramanvidya Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulchandra Jain
PublisherSampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi
Publication Year1988
Total Pages262
LanguageHindi, English
ClassificationSeminar & Articles
File Size9 MB
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