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________________ १४८ श्रमणविद्या 151) अन्तर को करता हुआ क्या वह स्थिति और अनुभाग को बढ़ाता है, अथवा घटाता है ? स्थिति और अनुभाग की वृद्धि या हानि करते हुए निरुपक्रम (अन्तरहित) वृद्धि अथवा हानि कितने काल तक होती है ? 152) जघन्य अपवर्तना का प्रमाण विभाग से ऊन आवली है । यह जघन्य अपवर्तना स्थितियों के विषय में ग्रहण करना चाहिए। अनुभाग विषयक जघन्य-अप वर्तना अनन्त स्पर्धकों से प्रतिबद्ध है। 153) जो कर्म रूप अंश संक्रमित, अपकर्षित या उत्कर्षित किये जाते हैं, वे आवली पर्यन्त अवस्थित रहते हैं । तदनन्तर समय में वे भजनीय हैं। 154) जो कर्माश अपकर्षित किये जाते हैं, वे अनन्तर काल में वृद्धि, अवस्थान, हानि, संक्रमण तथा उदय की अपेक्षा भजनीय हैं। 155) एक स्थितिविशेष को कितने स्थिति विशेषों में बढ़ाता है और एक स्थिति विशेष को कितने स्थितिविशेषों में घटाता है ? इसी प्रकार की पृच्छाएँ अनुभाग विशेषों में जानना चाहिए। 156) एक स्थिति विशेष को असंख्यात स्थिति विशेषों में बढ़ाता है और घटाता भी है। इसी प्रकार अनुभाग विशेष को अनन्त अनुभाग स्पर्धकों में बढ़ाता तथा घटाता है। 157) स्थिति और अनुभाग-सम्बन्धी कौन-कौन अंशों (कर्मप्रदेशों) को बढ़ाता अथवा घटाता है अथवा किन किन अंशों में अवस्थान करता है ? और यह वृद्धि, हानि और अवस्थान किस-किस गुण से विशिष्ट होता है ? 158) स्थिति का अपकर्षण करता हुआ कदाचित् अधिक, हीन और बन्ध समान स्थिति का अपकर्षण करता है। स्थिति का उत्कर्षण करता हुआ बन्ध समान या बन्ध से हीन स्थिति का ही उत्कर्षण करता है, किन्तु अधिक स्थिति को नहीं बढ़ाता है। 159) उदयावली के बाहर स्थित सभी अनुभागों का अपकर्षण करता है, किन्तु आवली प्रविष्ट अनुभाग का अपकर्षण नहीं करता है। बन्ध समान अनुभाग का उत्कर्षण करता है, उससे अधिक का नहीं। आवली-बन्धावली निरुप क्रम होती है। 160) वृद्धि (उत्कर्षण) से हानि (अपकर्षण) अधिक होती है। हानि से अवस्थान अधिक है। यह अधिक का प्रमाण प्रदेशाग्र की अपेक्षा असंख्यात गुणित श्रेणीरूप जानना चाहिए। संकाय-पत्रिका-२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014029
Book TitleShramanvidya Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulchandra Jain
PublisherSampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi
Publication Year1988
Total Pages262
LanguageHindi, English
ClassificationSeminar & Articles
File Size9 MB
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