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________________ मन्दिर में आया और बिना बजाये नकारा बजने को मोहले वालों के दुःख को अनुभव कर के वे तुरन्त उसने भगवान का अतिशय मान अपना आदेश देहली पहुंचे और बादशाह सलामत को सारा हाल वापस ले लिया और नकारा सदा की भांति बजाने सुनाया। बादशाह ने तुरन्त नवाब साहिब को का आदेश दिया 169 1 आदेश दिया कि मोहला संघियान में मस्जिद बन वाना तुरन्त बन्द कर दो। हमने यह भूमि जैनियों ... 14. मोहम्मद शाह (1729-1748 ई०) को प्रदान कर दी है इसलिये उस स्थान पर जैन के मौलवियों ने फतवा दे रखा था कि हदीस के मन्दिर सरकारी खर्च पर बनवाया जावे। मन्दिर अनुसार जीव हिंसा उचित नहीं है इसलिये सम्राट की नींव खोदते हुये भ० महावीर की हजारों वर्ष मोहम्मद शाह ने अपने राज्य में जीव-हिंसा बन्द प्राचीन अत्यन्त मनोज्ञ सातिशय मूर्ति भू-गर्भ से कर दी थी ।70 दि० जैन मन्दिर खजूरतला प्राप्त हुई जो अाज तक इसी मन्दिर में विराजमान मस्जिद दिल्ली इसी के राज्य काल में 1741 ई० हैं । यह विशाल मन्दिर 1745 में बनकर तैयार में निर्मित हआ था ।1 मोहम्मद शाह के कम- हवा था । सरियत विभाग के अधिकारी प्राज्ञामल जैन ने इसी के राज्य काल में दिगम्बर जैन पंचायती मन्दिर 15. आलमगीर द्वि० (1754-1764 ई०) 1743 ई० में बनवाया था । 72 सहारनपुर में ने हकूमतराय जैन की सुप्रसिद्धी सुन कर हिसार गुलाम वंशी मुस्लिम नवाब का राज्य था। यहां के (हरियाणा प्रान्त) से देहली बुलाकर नगर सेठ मोहला संघियान में जैन तो बहुत रहते थे परन्तु, ___ की पदवी प्रदान की। इनके सुपुत्र हरसुखराय जैन जैन मन्दिर कोई नहीं था। जैनियों के प्रतिनिधि को अपना खजाञ्ची बनाया। इनकी ईमानदारी मवाब से मिले और जैन मन्दिर बनवाने की और राष्ट्रीय सेवायों से प्रसन्न होकर प्रालमगीर ने प्राज्ञा मांगी। नवाब ने कहा कि वहाँ मस्जिद इनको "राजा" की उपाधि भेंट की और इनको अपनी राज्य सभा के नौ रलों में स्थान दिया। बनेगी। जैनियों ने कहा कि हमारे मोहले में एक .. लाल किले में बादशाह ने 9 रत्नों के भी मुसलमान नहीं रहता। नवाब ने उत्तर दिया कि इस से पाप को क्या मतलब ? जब सहारनपुर चित्र अंकित कराये थे उन में इनका भी चित्र है। धर्मपुरा देहली का ऐतिहासिक विशाल जैन मन्दिर के हर मोहले में मस्जिद बनी हुई है तो कोई इन्होंने इन के राज्यकाल में बादशाह की आज्ञा से कारण नहीं कि आपके मोहले में न बने । उसने बनवाया था । 74 मस्जिद बनवाना प्रारम्भ करा दिया। इसी मोहले में हकीम ठाकुरदास जैन रहते थे जो गरीब अमीर 16. हैदरअली दक्षिण भारत का अन्तिम सब का इलाज निःशुल्क करते थे। उनके इलाज बादशाह था। बड़ा कट्टर मुसलमान था परन्तु से मोहम्मद शाह की बेगम को आराम हो गया जैनियों की निष्पक्ष देश सेवामों से प्रभावित होकर था। बादशाह ने प्रसन्न होकर कई ग्राम उन्हें उसने तीर्थंकरों की मूर्तियों की पूजा के खर्च के लिये पुरस्कार में देना चाहा परन्तु उन्होंने नहीं लिये। अनेक ग्राम जैन मन्दिरों को भेंट किये ।75 1. It was nudity of Jain Saints, whom Sultan found in a good number in India (ELLIOT : History of India, Vol. I P. 6) which specially attracted the attention of Muslim Sulian Mohd. Gori, who at least entertained 2-94 महावीर जयन्ती स्मारिका 78 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014024
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1978
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Polyaka
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1978
Total Pages300
LanguageHindi, English
ClassificationSeminar & Articles
File Size7 MB
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