SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 484
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनेकान्तवाद : एक दार्शनिक विश्लेषण २. मनोवैज्ञानिक कारक (अ) व्यक्तित्व सम्बन्धी कारक - (१) हीनता की भावना (२) मानसिक अन्तर्द्वन्द्व (३) अवरुद्ध या दमित इच्छायें (४) अहम् भावना । (ब) मानसिक विकार सम्बन्धी - (१) मानसिक रोग (२) मन्दबुद्धिता (३) मानसिक अस्थिरता । (३) पारिवारिक परिवेश - 419 (अ) निर्धनता - (१) परिवार में सदस्यों की अधिकता (२) बेकारी (३) माता-पिता का घर से अधिकाशतः बाहर रहना ( ब ) कुसमायोजित - १. मातापिता में लड़ाई (२) सौतेले माता-पिता (३) पक्षपातपूर्ण व्यवहार (४) भाई - बहन में स्पर्द्धा तथा द्वेष (५) अवांछित बच्चा ( ६ ) अत्यधिक देखरेख (७) अत्यधिक उदासीनता । (स) अनुशासन- (१) अत्यधिक पारिवारिक नियन्त्रण ( २ ) पारिवारिक नियन्त्रण का अभाव (द) विघटित परिवार- (१) मृत्यु (२) तलाक (३) पिता का जेल में होना (४) पिता या माता की अन्य कार्यों में बहुव्यस्तता (य) अनैतिक परिवार - (१) यौन दुराचार (२) अत्याचारपूर्ण व्यवहार (३) भौतिक परिवेश१. बुरा पड़ोस (२) अपराधी दल (३) मनोरंजन की कमी तथा दूषित मनोरंजन (४) शिक्षालय की कमी व अव्यवस्था । Jain Education International अपराध सम्बन्धी सांख्यिकी से ज्ञात होता है कि निम्न वर्ग के लोगों द्वारा उच्च वर्गों की अपेक्षा अधिक अपराध किए जाते हैं। यह सांख्यिकी पुलिस एवं न्यायालय की रिपोर्टों पर अधिक निर्भर करती है । इस प्रकार की सांख्यिकी में हत्या, लूटमार, डकैती, यौन अपराध, चोरी, यातायात नियमों के उल्लंघन जैसे अपराधों की ही अधिकता होती है। समरलैंड का कहना है कि इस प्रकार के अपराधी व्यवहार के सिद्धान्त अपूर्ण एवं भ्रामक हैं, क्योंकि इनके उदाहरणों का चयन ही पक्षपातपूर्ण है। इस प्रकार के उदाहरणों में व्यावसायिक लोगों द्वारा किए गए अपराधों के विवरणों की अवहेलना की जाती है । यह अपराधिकता वित्तीय विवरण गलत बनाने, व्यापारिक घूसखोरी, स्टाक एक्सचेंज में बदलाव, ठेका पाने के लिए अफसरों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रलोभन, झूठे विज्ञापन देना, धन का गबन एवं संचित निधि का दुरुपयोग, कम तौलना या गलत मापों का उपयोग, करों की चोरी, बैकों के साथ धोखाधड़ी इत्यादि रूपों में व्यक्त होती है। चिकित्सा व्यवसाय भी इस अपराधिता से युक्त है। अलकोहल तथा मादक दवाओं का अवैधानिक विक्रय, गर्भपात, कानून अपराधियों की चिकित्सा, दुर्घटना के मामले में भ्रामक स्वास्थ्य रिपोर्ट या प्रमाणपत्रझूठी डिग्री लिखना या बिना यथार्थ प्रमाण के विशेषज्ञता का प्रचार, झूठा चिकित्सालय का बिल देना जैसे अनेक अपराध चिकित्सा व्यवसाय के क्षेत्र में होते हैं। यह सब से भागे हुए For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014009
Book TitleMultidimensional Application of Anekantavada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Shreeprakash Pandey, Bhagchandra Jain Bhaskar
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages552
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy