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________________ SA (IOC विमलकीर्ति : वैशाली की एक विस्मृत विभूति नागेन्द्र प्रसाद सिंह आचार्य विमलकीर्ति भगवान् बुद्ध के समकालीन थे और उनके गृहस्थ शिष्य थे / उनका जन्म वैशाली के समृद्ध लिच्छवि परिवार में हुआ था। उनकी धर्मपत्नी का नाम विमला था। उन्हें सुचिन्त्यकुमार नाम का पुत्र और चन्द्रोत्तरदारिका नाम की पुत्री थी। अपने शील, समाधि और प्रज्ञा के कारण गृहस्थ होने पर भी भिक्षुसंघ में उन्हें सम्माननीय स्थान प्राप्त था। धर्मसेनापति सारिपुत्र, महामौद्गल्यायन, महाकाश्यप, आनन्द, उपालि, अनिरुद्ध, महाकात्यायन और महाबोधिसत्त्व मैत्रेय जैसे भगवान् बुद्ध के महान् शिष्य भी वैशाली के इस श्वेतवस्त्रधारी गृहस्थ से धार्मिक वार्तालाप करने का साहस नहीं कर पाते थे। बौद्ध साहित्य में उनको महासत्त्व, बोधिसत्त्व, सत्पुरुष, कुलपुत्र, गृहपति और उपासक कहा गया है। उनको चीन में मुकुशो, जापान में युयिमा-कोजी और तिब्बत में टोप्पा नाम से सम्बोधित किया जाता है / सुप्रसिद्ध चीनी लेखक ली-दाओ-युआन् (527 ई.) ने अपने ग्रन्थ 'शुई-चिंग-चु' में वैशाली नगर और आचार्य विमलकीर्ति के घर का उल्लेख किया है / प्रख्यात चीनी यात्री शुआन-चाङ् (629-645 ई०) जब वैशाली आया था, तब वह आचार्य विमलकीर्ति के घर को देखने गया था। उसको एक स्तूप उस स्थान पर मिला था, जहाँ भगवान् बुद्ध ने आचार्य विमलकीर्ति को सूत्र का उपदेश दिया था और लिच्छवि कुमार रत्नाकर ने पाँच सौ लिच्छवि कुमारों के साथ भगवान् बुद्ध को एक रत्नजटित बहुमूल्य छत्र भेंट किया था। इसी स्थान पर धर्मसेनापति सारिपुत्र तथा अन्य भिक्षुओं ने अर्हत् पद प्राप्त किया था। शुआन्-चाङ को एक स्तूप उस स्थान पर मिला था, जहाँ आचार्य विमलकीर्ति का मकान था। वहाँ उसे अनेक अद्भुत दृश्य दिखाई पड़े थे। उसको इंटों के ढेर के रूप में एक समाधि भी मिली थी। वह समाधि ठीक उसी स्थान पर बनाई गयी थी, जहाँ रुग्णावस्था में आचार्य विमलकीति ने धर्मोपदेश दिया था। शुआन्-चाङ् ने उपर्युक्त स्थानों का जो भी भौगोलिक विवरण दिया है, उसके अनुसार वर्तमान बनिया चतुर्मुख महादेव के समीपवर्ती क्षेत्रों में आचार्य विमलकीति से सम्बन्धित सभी स्थान रहे होंगे। शीलादित्य (हर्षवर्धन) 52
SR No.012088
Book TitleVaishali Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYogendra Mishra
PublisherResearch Institute of Prakrit Jainology and Ahimsa
Publication Year1985
Total Pages592
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth
File Size17 MB
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