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________________ SARANASI इस पावन मंगलोत्सवकी बेला पर अभिनन्दन, समिति को कोटिशः बधाई एवं अनन्त शुभकामनायें। पूज्य आचार्य विद्यासागर महाराज ने झाँसी प्रवास मध्य अपने संदेश में कहा था कि 'मानव' में एक शब्द __'ता' जुड़ जावे यानी कि मानवता आ जावे तो सारी पीड़ा मिट जावे। संयोगवश बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी डॉ. शेखरचन्द्रजी को मानवीय सुसंस्कार विरासत में मिले हैं। जिनके फलस्वरूप वह 'तीर्थंकर वाणी' के श्रेष्ठतम । सम्पादक एवं शिक्षण/प्रशिक्षण जैन सद्-साहित्य के लेखन द्वारा समाज एवं युवा पीढ़ी को निरन्तर दिशा, बोध । दे रहे हैं। उनकी सृजनात्मक रचना धर्मिता ने समग्र समाज को गौरवान्वित किया है। ___'समाजवादी जैनत्व' की पताका फहराने वाले एवं महामहिम राज्यपाल जी सहित अनेकानेक शीर्षस्थ जैन संस्थाओं द्वारा उत्कृष्ट उपाधियों से अलंकृत डॉ. शेखरचन्द्रजी जैन ने परम पावन 'माँ जिनवाणी' की भारी धर्म प्रभावना एवं मानवीय मूल्यों को प्रतिष्ठित करते हुये देश, धर्म, समाज की समर्पित भाव से सेवा की है। सम्मान अलंकरण के अवसर पर उनका हार्दिक अभिनंदन करते हुये चन्द पंक्तियों में उनके सपरिवार यशस्वी, सुदीर्घ जीवन की मंगलकामनायें सादर समर्पित है। करता मंगल कामना सदा 'विश्व परिवार' करें और उपकार वह – जीकर वर्ष हजार श्री कैलाशचन्द्र जैन झाँसी (प्रधान सम्पादक- दैनिक 'विश्व परिवार') : a अकेला चलो रे..... डॉ. शेखरचंद्रजी जैन से मेरा परिचय 1984 में गोमतीपुर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा के समय हुआ। उस प्रतिष्ठा के कार्य के सफल संचालन में भी डॉ. शेखरचंद्रजी जैन का ही मार्गदर्शन तथा उन्ही की कड़ी महेनत का फल था। मुझे उस पंच कल्याणक प्रतिष्ठा के अध्यक्ष के रूप में उनके साथ में काम करने का अवसर मिला। मैंने पाया कि डाक्टर साहब एक सनिष्ठ अध्यापक, ख्यातिप्राप्त विद्वान, समाजसेवी, धर्म के प्रति लगाव होने के अलावा अपने व्यक्तिगत विचारधारा पर अडिग रहनेवाले हैं, वे जिस कार्य को करने का संकल्प लेते हैं, उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। उसके बाद से मेरा उनसे निरन्तर सम्पर्क बना हुआ है चाहे वह तीर्थंकर वाणी के सम्पादन का कार्य हो अथवा श्री आशापरा माँ जैन अस्पताल के संचालन का। ___ तीर्थंकर वाणी की सफलता तथा अस्पताल के विकास का जितना भी कार्य है, उन सबका श्रेय डोक्टर साहब को ही जाता है। अगर मैं यह कहूं कि इनकी सफलता के पीछे 'One Man Show' है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। डॉक्टर साहब की प्रेरणा से उपरोक्त अस्पताल के दो केम्प हम 'असारवा मिल्स के स्टाफ तथा मजदूर भाईयों के लिए असारवा मिल में आयोजित कर चुके हैं, जिसमें आँख, दांत, कान की चिकित्सा का लाभ ले चुके । हैं। उसमें हमे काफी सफलता मिली तथा मिल स्टाफ व मजदूर भाई काफी प्रसन्न रहे हैं। मैं डॉक्टर साहब के दीर्घ जीवन की कामना करता हूँ जिससे कि देश व समाज को उनकी विभिन्न सेवाओं का निरन्तर लाभ मिलता रहे तथा जो योजनाएँ उन्होंने चालू की हैं तथा भविष्य में और नई योजनाएँ बनाने वाले हैं, उसमें उनको भरपूर सफलता मिले तथा उनकी प्रतिष्ठा देश और समाज में ऊँची बुलन्दियाँ हासिल करे। राधेश्याम सरावगी (अहमदाबाद) ।
SR No.012084
Book TitleShekharchandra Jain Abhinandan Granth Smrutiyo ke Vatayan Se
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShekharchandra Jain Abhinandan Samiti
PublisherShekharchandra Jain Abhinandan Samiti
Publication Year2007
Total Pages580
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size21 MB
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