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________________ સૂરિપુરંદર શ્રી હરિભદ્રસૂરિ ३७८ २७३ ॥ । । ॥ 6 १७१४ ५०५० C २४. १२. देवेन्द्र-नरकेन्द्र प्रकरण. १३. धर्मबिन्दु (स्वोपज़) (४८, ५४२ सू.). १४. धर्मलाभ सिद्धि १५. धर्मसार स्वोपज्ञ सटिक १६. ध्यान शतक वृत्ति पंचवस्तु (प्रा.) मूल १८. पंचवस्तुक टीका ॐ१९. पंचनिग्रंथी २०. पंचसंग्रह पंचसूत्र व्याख्या परलोक सिद्धि पंचाशक (प्रा.) १९ पंचाशक (स्वोपज्ञ) प्रतिष्ठा कल्प. २५. बृहन्मिथ्यात्व मतखंडन बोटिक प्रतिषेध . २७. भावनासिद्धि २८. यतिदिन कृत्य • २९. लघुक्षेत्र समास-वृत्ति ३०. लोक बिंदु ३१. वर्ग केवलि सूत्र - वृत्ति ३२. विंशति विंशिका (प्रा). ...शतशतक ३४. श्रावकधर्मविधि प्रकरण - श्रावकधर्म (प्रा.) श्रावकधर्मसमासश्रावक - प्रज्ञाप्ति वृत्ति (स्वोपज्ञ) ३६. श्रावकधर्म तंत्र • संबोध प्रकरण - तत्त्वप्रकाशक (प्रा.) ३८. संबोध सप्तति साधुप्रवचन सार प्रकरण स्तव हिंसाष्टक स्वोपज्ञ अवचूरि युक्त दर्शनशास्त्र क्रम नाम अनेकांत जयपताका (स्वोपज्ञ) • अनेकांत जयपताका उद्योत दीपिका • १२० ४०३ ९-पत्र श्लोक ३५०० ८२५०
SR No.012079
Book TitleMahavir Jain Vidyalay Shatabdi Mahotsav Granth Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKumarpal Desai
PublisherMahavir Jain Vidyalay
Publication Year2015
Total Pages360
LanguageGujarati, Hindi, English
ClassificationSmruti_Granth
File Size8 MB
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