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________________ २४२] वीर ज्ञानोदय ग्रन्थमाला अब तो सचमुच मैना मैना-सी लगती, क्यों मैं उसका जोसोया था। इसीलिए तो मात-पिता ने, कर पीत करन' को सोचा था । भोली-सी मैना क्या कुछ कह पायी, वाग्दान हुआ जब खुशी-खुशी। लेकिन कैसे पग डालँ कीचड़ में सो सोयी मैना जाग उठी ॥ कर बद्ध विनय माँ तात से बोली, क्यों कीचड़ में मुझे गिराते हो। मैं तो जाऊँ मुक्ति-पथ, क्यों आप भी ना घर तज जाते हो। उस इन्द्रिय सुख की चाह नहीं, ढाये जाते जहँ दिन-रात कहर। यह कह पग मोड़ दिये मैना ने, जग जाहिर है जो मुक्ति डगर । पहुँच गयी वह सुकुमारी, जहाँ देशभूषण यति विराजे थे । आ सन्निकट गुरुवर मैना, दीक्षार्थ कर केश उपाटे थे । कर दिया चतुर्विध आहार त्याग, आचार्य श्री चकित हो जाते हैं। देखा दृढ़ संकल्पित है मैना, सप्तम प्रतिमा के व्रत दे जाते हैं । पुण्य धरा वह महावीर क्षेत्र की, संवत् दो हजार नौ आया। तब ब्रह्मचारिणी मैना बनी क्षुल्लिका, वीरमती हो सुख पाया। चार वर्ष का काल जब बीता, माधोराजपुरा नगरी आई। वीरमती ने जीवन में तब एक और सुखद बेला पाई ॥ दे दो आर्यिका दीक्षा गुरुवर, कुछ आगे बढ़ने की भाई है। पा दीक्षा आचार्य वीरसागर से, ज्ञानमती संज्ञा पाई है ॥ ज्ञानमती ने ज्ञान की गागर, सचमुच आज उडेली है। संस्कृत, हिन्दी, मराठी, कन्नड़, बोली आज अलबेली है । सिद्धान्त, न्याय, दर्शन, व्याकरण, क्या कोई विधा इनसे छूटी। छन्द शास्त्र की अनुपमज्ञाता, क्या नहीं देखते इनकी शैली॥ वीर प्रभु के इस शासन में, क्या कोई दावा कर सकता। विविध विधानों की सुन्दरलखरचना, क्य तिरस्कृतकोई कर सकत॥ क्या स्वप्र किसी ने देखा था, कि हम जम्बूद्वीप लख पायेंगे। क्या सचमुच सुमेरुगिरि पर चढ़कर, हम धन्य आज हो जायेंगे। अभिनन्दन की शुभबेला में, हम क्या अभिनन्दन कर सकते हैं। प्राप्त मुझे भी हो ज्ञानामत गागर, सो शत-शत नमन हम करते हैं। सो शत शत . . . . . . . . || ज्ञानमती केपादपद्म में, करो सभी प्रणाम । कुमार “पवन" विनयांजलि, ग्रहण करो हे मात ।। १. मैं- अहंकार से रहित (निरभिमानी) २. विवाह करने का विचार Jain Educationa international For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012075
Book TitleAryikaratna Gyanmati Abhivandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Jain
PublisherDigambar Jain Trilok Shodh Sansthan
Publication Year1992
Total Pages822
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size26 MB
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