SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 238
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विषयखंड "" "" 33 35 99 99 "" 35 33 " 39 : 99 "" 25 "" " "" 56 33 39 دو "" 35 " 33 Jain Educationa International आदिकाल का हिन्दी जैन साहित्य और उसकी विशेषताएँ * वसंत विलास सं. १५०० के लगभग ( अज्ञात ) समधर 39 33 "" 23 * नेमिनाथ फागु are विहरमान जिन स्तवन सं. १४११ के लगभग तरुणप्रभसूरि तीर्थयात्रा स्तवन सं. १४१२ के आसपास विनयप्रभ जिनरत्नसूरि अर्बुदालंकार श्री युगादि- सं. १४३० के पूर्व देवस्तवन स्तवन बावनी स्तोत्र या स्तवन विवाहल नेमिनाथ स्तवन सीमंधर स्तवन सं. १४३० के पूर्व सं. १४३३ के पूर्व * अजितशांति स्तवन सं. १४३३ नंदीस्वरस्थ प्रतिमा स्तवन सं. १४५० के लगभग सं. १४६० के बाद सं. १४९० के आसपास सं. १४९० के बाद सोमसुंदरसूरिशिष्य स्तवनो अष्टमी स्तवन नेमिनाथ नवभव स्तवन महावीर स्तवन * तीर्थमाला स्तवन राणकपुर स्तवन नवसारी स्तवन अष्टापदतीर्थ बावनी चवीस जिनस्तोत्र जिन स्तोत्र "" 99 "" सं. १४९९ पूर्व सं. १४९९ सं. १४९९ बाद सं. १४८९ के पश्चात् सं. १४८९ के बाद सं. १४८९ से १५०० अजित स्तोत्र स्तंभन पार्श्व स्तवन महावीर स्तवन आदिनाथ स्तवन शांति स्तवन जिनोदयसूरि विवाहलउ सं. १४३२ नेमिनाथ विवाहलो 35 22 "" "" "" 33 तक ये सब स्तोत्र, स्तवन मिलते हैं । "" For Personal and Private Use Only 33 99 33 "" 93 33 "" 39 99 सं. १४९९ बाद १२५ 39 99 33 मालदेव जयशेखरसूरि समरो 39 भावसुंदर मेघो ( मेहो) 39 32 मेरुनंदन "" 35 जयसागर जयसागर "3 "" 35 39 99 33 मेरुनंदन जयसागर www.jainelibrary.org
SR No.012074
Book TitleYatindrasuri Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherSaudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh
Publication Year
Total Pages502
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy