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________________ 334 Sumati-Jñāna परम्परा है। किन्तु शिल्पगत लक्षणों के आधार पर इनका काल पूर्व मध्यकाल दृष्टिगत होता है। शहडोल क्षेत्र में इस काल में कल्चुरी राजाओं का आधिपत्य था तो पन्ना, खजुराहो, घुबेला और टीकमगढ़ में चन्देल राजाओं का वर्चस्व था । दोनों राजवंश धर्मसहिष्णु थे। इसलिए वणिक वर्ग द्वारा इन क्षेत्रों में सर्वतोमद्रिका जिन मूर्तियाँ निर्मित हुई। मंगलकारी होने के कारण इन्हें जनसामान्य में भी लोकप्रियता प्राप्त हुई। यह क्षेत्र धर्मसहिष्णु अथवा सर्व धर्म सद्भाव के लिए विख्यात है।" इसलिए जिन सर्वतोभद्रिका प्रतिमाओं को विशेष महत्व प्राप्त हुआ । संदर्भ १. यू. पी. शाह, ए यूनिक जैन इमेज ऑफ जीवन्तस्वामी, ज. ओ. ई., खण्ड १, अंक १, पृ. ७२–७६ / २. एपिग्राफिया इण्डिका, खण्ड २, पृ. २११, लेख ४१/ ३. यू. पी. शाह, स्टडीज इन जैन आर्ट, वाराणसी, १६५५, पृ. ६४-६५ । ४. मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी, जैन प्रतिमा विज्ञान, वाराणसी, १६८१ पृ. १४८ / ५. वही। ६. जैन तीर्थों को तीन भागों में क्रमश: कल्याणक, निर्वाणक और अतिशय क्षेत्र में बाँटा गया है। कल्याणक क्षेत्र उसे कहते है जहाँ तीर्थंकरों को गर्भाधान, जन्म, ज्ञान, उपदेश और निर्वाण हुआ हो । निर्वाण क्षेत्र उसे कहा गया है जो सिद्ध क्षेत्र हो, जहाँ जैन मुनियों ने तपस्या की हो। अतिशय क्षेत्र उसे कहा जाता है जो उपरोक्त दोनों से संबंधित न हो। किन्तु जैन धर्म का केन्द्र हो । ७. कन्हैयालाल मिश्र, संग्रहालयों की मूर्तियाँ और उनमें प्रतिबिंबित सांस्कृतिक जीवन, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा का अप्रकाशित शोध प्रबंध, वर्ष १६६३, पृ. २३५ / ८. मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी, पूर्व निर्दिष्ट, पृ. १५१ / ६. रश्मि सिंह, रीवा क्षेत्र के प्राचीन स्थापत्य एवं मूर्ति अवशेष - एक अध्ययन, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा का अप्रकाशित शोध प्रबंध, २००२, पृ. २५७/ १०. सी. डी. सिंह, बघेलखण्ड में सर्वधर्म समभाव की प्रवृत्ति, सर्वधर्म समभाव - एक विश्लेषण, (सम्पा. रेखा द्विवेदी एवं राजीव दुबे), दिल्ली, पृ. २८-३७/ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012067
Book TitleSumati Jnana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivkant Dwivedi, Navneet Jain
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year2007
Total Pages468
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size14 MB
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