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________________ 322-325 326-328 329-331 332-334 335-337 338-341 342-350 351-358 359-361 ४६. जैन साहित्य में दासों की स्थिति डॉ. महेन्द्र नाथ सिंह एवं अरविन्द कुमार सिंह ४७. जैन आगम साहित्य में विवाह डॉ. महेन्द्र नाथ सिंह एवं प्रदीप कुमार शर्मा ४८.जैन आगम साहित्य में गणिकायें डॉ. महेन्द्र नाथ सिंह एवं विपिन कुमार शर्मा ४९. विध्य प्रदेश की सर्वतोभद्रिका प्रतिमाएं मनोज कुमार सिंह एवं प्रो. सी. डी. सिंह ५०. स्थानीय पुरातत्व संग्रहालय महोन्द्रा, जिला पन्ना (मध्य प्रदेश) की जैन मूर्तियां नरेश कुमार पाठक ५१. खन्दार (जिला-अशोकनगर, मध्य प्रदेश) स्थित प्राचीन जैन शैलकृत गुहा मंदिर एवं मूर्तियां डॉ. नवनीत कुमार जैन एवं टीकम तेनवार ५२. जैन धर्म दर्शन में सम्यग्ज्ञान: स्वरूप एवं महत्व प्रो. फूलचन्द्र जैन ५३. मेवाड़ की प्राचीन जैन चित्रांकन-परम्परा डॉ. राधाकृष्ण वशिष्ठ ५४. जैन संस्कृति की अक्षुण्णता का आधार - सामंजस्य राजेश तिवारी एवं प्रो. सी. डी. सिंह ५५.जैन आगम में पर्यावरण और आचार डॉ. रजनीश शुक्ल ५६. जैन धर्म में गृहस्थ नारी: एक ऐतिहासिक अध्ययन डॉ. रामकुमार अहिरवार ५७. जैन दर्शन में रंगों का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण डॉ. (श्रीमती) साधना जैन ५८. मथुरा की एक महत्वपूर्ण पार्श्वनाथ प्रतिमा शैलेन्द्र कुमार रस्तोगी ५९.देवगढ़ की कला में आचार्य एवं उपाध्याय तथा उनका योगदान डॉ. शान्ति स्वरूप सिन्हा ६०. भगवान महावीर एवं उनके सिद्धांतों की प्रासंगिकता डॉ. एस. एम. त्रिपाठी ६१. वीरसिंहपुर (पाली) से प्राप्त तीर्थकर ऋषभनाथ प्रतिमा-एक विश्लेषण डॉ. एस. के. द्विवेदी एवं एस. डी सिसौदिया ६२. प्राचीन बिहार में जैन धर्म-कलावशेषीय विश्लेषण डॉ. विमल चन्द्र शुक्ल ६३. उत्तरी मध्यप्रदेश के जैन अभिलेखों की लिपि (११वी से १३वीं शती ई. तक)- एक अध्ययन यशवंत सिंह 362-365 366-375 376-379 380 381-384 385-387 388-389 390-395 396–403 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012067
Book TitleSumati Jnana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivkant Dwivedi, Navneet Jain
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year2007
Total Pages468
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size14 MB
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