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________________ श्री राष्ट्रसंत शिरोमणि अभिनंदन ग्रंथ 18. ज्यों भात में क्षीर चावल उत्तम त्यों सर्व मंत्रों में उत्तम नवकार 19. ज्यों रात्रियों में दीपावली की रात्रि मुख्य, त्यों सर्व मंत्रों में मुख्य नवकार 20. ज्यों गायकों में गन्धर्व प्रमुख त्यों सर्व मंत्रों में प्रमुख नवकार 21. ज्यों कर्मो में मोह प्रधान त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 22. ज्यों व्रतों में शील मोटा त्यों सर्व मंत्रों में मोटा नवकार 23. ज्यों घृत में गाऊ का घृत उत्तम त्यों सर्व मंत्रों में उत्तम नवकार 24. ज्यों नृत्य में इन्द्राणी प्रधान त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 25. ज्यों कल्प (कृत्यों) में जिन कल्प उत्कृष्ट, त्यों सर्व मंत्रों में उत्कृष्ट नवकार 26. ज्यों गायों में कामधेनु सर्व श्रेष्ठ, त्यों सर्व मंत्रों में सर्वश्रेष्ठ नवकार 27. ज्यों संघयण में वजऋषभ नाराचसंघयन श्रेष्ठ त्यों सर्व मंत्रों में श्रेष्ठ नवकार 28. ज्यों संठाण में समचौरस संठाण श्रेष्ठ, त्यों सर्व मंत्रों में श्रेष्ठ नवकार 29. ज्यों यश में भगवंत का यश सर्व श्रेष्ठ त्यों सर्व मंत्रों में सर्व श्रेष्ठ नवकार 30. ज्यों रसों में इक्षुरस उत्तम त्यों सर्व मंत्रों में उत्तम नवकार 31. ज्यों वर्णो में शुक्लवर्ण श्रेष्ठ त्यों सर्व मंत्रों में श्रेष्ठ नवकार 32. ज्यों मरण में पंडित मरण श्रेष्ठ त्यों सर्व मंत्रों में श्रेष्ठ नवकार 33. ज्यों रोगों में अजीर्ण मुख्य त्यों सर्व मंत्रों में मुख्य नवकार 34. ज्यों शरण में धर्म शरण उत्तम त्यों सर्व मंत्रों में उत्तम नवकार 35. ज्यों गंध में कृष्णागर (धूप एक प्रकार की) उत्तम, त्यों सर्व मंत्रों में उत्तम नवकार 36. ज्यों आगर में रत्नागर प्रधान त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 37. ज्यों सागरो में स्वयंभू रमण बडा त्यों सर्व मंत्रों में बडा नवकार 38. ज्यों सर्व इन्द्रियों में नेत्र महत्वपूर्ण है त्यों सर्व मंत्रों में महत्वपूर्ण नवकार 39. त्यों सर्व अयन में उत्तरायन श्रेष्ठ है त्यों सर्व मंत्रों में श्रेष्ठ नवकार 40. ज्यों सर्व पाषाणों में पारस श्रेष्ठ है त्यों सर्व मंत्रों में श्रेष्ठ नवकार 41. ज्यों सर्व धर्मो में जैन धर्म प्रधान है त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 42. ज्यों सर्व जोड़ों में सारस का जोडा मुख्य है त्यों सर्व मंत्रों में नवकार 43. ज्यों सर्व माह में श्रावण श्रेष्ठ है त्यों सर्व मंत्रों में श्रेष्ठ नवकार 44. ज्यों सर्व देत्यों में रावण मुख्य है, त्यों सर्व मंत्रों में मुख्य नवकार 45. ज्यों सर्व फूलों में अरविंद प्रधान है, त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 46. ज्यों योगियों में गोविन्द विशेष है, त्यों सर्व मंत्रों में विशेष नवकार 47. ज्यों सर्व वस्त्रों में क्षोमयुगल श्रेष्ठ है, त्यों सर्व मंत्रों में श्रेष्ठ नवकार 48. ज्यों पापों में मिथ्या दर्शन शब्द बड़ा है त्यों सर्व मंत्रों में बडा नवकार 49. ज्यों वनो में नन्दनवन श्रेष्ठ है त्यों सर्व मंत्रों में श्रेष्ठ नवकार 50. ज्यों रथों में हरिस्यन्दन प्रमुख है, त्यों सर्व मंत्रों में प्रमुख नवकार 51. ज्यों क्षेत्रों में महाविदेह उत्तम है, त्यों सर्व मंत्रों में उत्तम नवकार 52. ज्यों दुःखों के बीजो में स्नेह मूल है, त्यों सर्व मंत्रों में मूल नवकार 53. ज्यों वृक्षों में जम्बू प्रधान है त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 54. ज्यों सर्व जीवों का आधार अम्बु है त्यों सर्व मंत्रों में आधार नवकार 55. ज्यों सतियो मे सीता प्रमुख है, त्यों सर्व मंत्रों में प्रमुख नवकार 56. ज्यों नदियों में गंगा का महत्व सर्वाधिक है, त्यों सर्व मंत्रों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण नवकार 57. ज्यों तिथियों में पूनम प्रधान है त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 58. ज्यों देवों में अनुत्तरदेव श्रेष्ठ है, त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 59. ज्यों बुद्धि में उत्पातिया बुद्धि प्रधान है त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 60. ज्यों सूत्रो में दृष्टिवाद प्रधान है, त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 61. ज्यों बाजा में भंभा प्रधान है, त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 62. ज्यों रूप में रंभा प्रधान है, त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 63. ज्यों दीर्घ गिरि में निबढ प्रमुख है, त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 64. ज्यों वृद्धि वृक्ष में बड वट प्रमुख है, त्यों सर्व मंत्रों में प्रमुख नवकार 65. ज्यों पक्षियों में गरुड प्रधान है, त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 66. ज्यों तेज में रवि का तेज श्रेष्ठ है त्यों सर्व मंत्रों में श्रेष्ठ नवकार 67. ज्यों मणियों में चिंतामणि प्रधान है त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 68. ज्यों हाथियों में एरावत प्रधान है त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 69. ज्यों ऊर्ध्वगिरि में सुदर्शन प्रधान त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 70. ज्यों सभा में सौधर्म सभा प्रधान त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 71. ज्यों माता में तीर्थंकर की माता उत्तम त्यों सर्व मंत्रों में उत्तम नवकार 72. ज्यों साता प्राप्ति में मरुदेवी माता प्रधान त्यों सर्व मंत्रों प्रधान नवकार 73. ज्यों सिंह में शार्दूल प्रधान त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 74. ज्यों सुखी जीवन में युगलिया प्रमुख त्यों सर्व मंत्रों में प्रमुख नवकार 75. ज्यों श्रृंगार में मुकुट प्रमुख त्यों सर्वमंत्रों में प्रमुख नवकार 76. ज्यों गच्छ में गणधर प्रधान त्यों सर्व मंत्रों में प्रधान नवकार 77. ज्यों गति में सिद्धगति श्रेष्ठ त्यों सर्व मंत्रों में श्रेष्ठ नवकार 78. ज्यों पृथ्वी में इबत प्रागभारा श्रेष्ठ त्यों सर्व मंत्रों में श्रेष्ठ नवकार 79. ज्यों पांच समिति में भाषा समिति मोटी त्यों हेमेन्द्र ज्योति* हेमेन्द्र ज्योति 61 हेमेन्द्र ज्योति* हेमेन्द्र ज्योति dudhanine
SR No.012063
Book TitleHemendra Jyoti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLekhendrashekharvijay, Tejsinh Gaud
PublisherAdinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi
Publication Year2006
Total Pages688
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size155 MB
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