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शंखेश्वर तीर्थ में दीक्षार्थी सुनीलकुमार गुगलिया (मु. लाभेशविजय) एवं दीक्षार्थी श्री नरेशकुमार मादरेचा (मु. प्रीतेशविजय) की दीक्षा की एक झलकी
दो छोटे राजा आचार्यदेव के समक्ष चले दीक्षा के पथ पर
दीक्षा के पश्चात् मुनि लाभेशविजयजी ग्रंथनायक के साथ
न
होगा
फिर
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रजोहरण ग्रहण करते हैं सुनीलकुमार
रजोहरण पाकर हर्षित हुए नरेशकुमार के भीतर इतनी खुशीं
ऐसा
दीक्षा महोत्सव
संयम यात्रा का प्रथम वासक्षोप मुनि प्रीतेशविजयजी को
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