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________________ फगवाड़ा में पर्ण उत्साह से रथयात्रा का स्वागत 6 फरवरी 2004 : सायं 5 बजे फगवाड़ा नगर के आबाल-वृद्ध जैन समुदाय ने पूर्ण उत्साह के साथ रथयात्रा का स्वागत किया, बैंड बाजे के साथ रथयात्रा जी.टी. रोड से महावीर जैन मॉडल स्कूल में पहुंची, वन्दन-अभिनन्दन-पुष्पवृष्टि-माल्यार्पण किया गया। भारी संख्या में नर-नारी उपस्थित थे, अपने आराध्य गुरु वल्लभ को अपलक निहार रहे थे, गगनभेदी जयकारों के साथ अपनी भावांजलि अर्पित कर रहे थे। ऐसा लग रहा था मानो आज 50 वर्ष पश्चात् गुरु वल्लभ फिर से साक्षात् हो रहे हैं। जालंधर शहर में रथ यात्रा का गर्मजोशी से 6 फरवरी 2004; सायं 6:15 बजे जालंधर शहर में पटेल चौंक से बैंड-बाजे के साथ सैकड़ों की संख्या में जैन भाई-बहनों ने रथयात्रा का अभिनन्दन किया, सबसे आगे फौजी बैंड था। अभिनंदन विशेषतौर पर बहनों ने सारे रास्ते गुरुदेव के जयकारों से वातावरण धर्म उद्घोष से गुंजित कर दिया 'एक-दो-तीन-चार- जैन धर्म की जय-जयकार', 'इक्कीस, बाईस, तेईस,चौबीस जैन धर्म के तीर्थंकर चौबीस, आदि जयकारों से दर्शनार्थियों का मन मोह लिया। गुरुदेव की प्रतिमा को सम्मानपूर्वक उपाश्रय में ले जाया गया। जालंधर श्रीसंघ द्वारा कीर्तन संध्या का आयोजन किया गया, गुरुभक्तों ने भाव भरे भजनों द्वारा गुरु महिमा को महिमामंडित किया। आरती का लाभ श्री पन्नालाल पूर्णचन्द नाहर सहपरिवार दूध वालों ने लिया। गणमान्य व्यक्तियों में श्री आत्मानंद जैन सभा के प्रधान श्री गिरधारी लाल जैन, श्री राजकुमार मै. प्रदीप पब्लिकेशन्स, श्री अवतार हैनरी मंत्री पंजाब सरकार इत्यादि उपस्थित थे। विजय 82 विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका 160 Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012061
Book TitleVijay Vallabh Sansmaran Sankalan Smarika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpadanta Jain, Others
PublisherAkhil Bharatiya Vijay Vallabh Swargarohan Arddhashatabdi Mahotsava Samiti
Publication Year2004
Total Pages268
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size51 MB
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