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________________ ॐ श्री आदिनाथाय नमः श्रीमद् विजय वल्लभ स्वर्गारोहण अर्द्धशताब्दी वर्ष 2003-2004 के शुभारम्भ पर श्री भक्तामर महापूजन का आयोजन प.पू. पंजाब केसरी श्रीमद् विजय वल्लभ सुरीश्वर जी म. जी की "स्वर्गारोहण अर्द्धशताब्दी के शुभारम्भ वर्ष" 22.9.2003 से 10.10.2004 तक मनाये जाने वाले सभी धार्मिक अनुष्ठान एवं विविध मंगलमय कार्यक्रम विविध रूप से सम्पन्न हो, इसी मंगल भावना से गच्छाधिपति जैनाचार्य प.पू. श्रीमद् विजय रत्नाकर सूरीश्वर जी म. की शुभ निश्रा में विजय वल्लभ सेना' उत्तरी भारत के सदस्यों द्वारा श्री भक्तामर महापूजन का विधि विधान श्री सुपार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर मन्दिर अम्बाला शहर में 22.9.03 को प्रातः 11 बजे से सायं 5 बजे तक बहुत सुन्दर ढंग से करवाया गया। प्रत्येक गाथा पर परमात्मा की पूजा कराने हेतु 44 भाग्यशाली परिवारों ने भाग लिया। विजय वल्लभ सेना' उत्तरी भारत के सदस्यों ने जो विधि वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य भगवन् जी से लुधियाना में शिक्षा के रूप में थी, पूरी विधि 'विजय वल्लभ सेना के सदस्यों ने स्वयं विधिकारक बन कर तथा स्तवन आदि बोल कर बड़े ही सुन्दर ढंग से करवाई तथा श्रीसंघ के सभी सदस्यों ने इस सारे अनुष्ठान की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इस पूजा के पश्चात् प्रभावना का लाभ श्री रत्न चन्द धर्मवीर जैन सर्राफ परिवार वालों ने लिया। 66 विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका www.jainelibrary.org For Private & Personal use only Alain Education International:
SR No.012061
Book TitleVijay Vallabh Sansmaran Sankalan Smarika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpadanta Jain, Others
PublisherAkhil Bharatiya Vijay Vallabh Swargarohan Arddhashatabdi Mahotsava Samiti
Publication Year2004
Total Pages268
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size51 MB
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