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________________ श्रीमति स्वर्णकान्ता जैन, सामाना सुश्री पूजा जैन, सामाना श्री रमती रमण जैन, सामाना श्री श्रीपाल जैन, जालन्धर श्रीमति प्रेम जैन, जालन्धर श्रीमति सत्यावन्ती जैन, आगरा श्री श्रीपाल जैन, आगरा श्री तरलोक चन्द जैन, विजय इन्द्र नगर, लुधियाना श्री विनोद कुमार जैन, लुधियाना शहर श्रीमति शिमला रानी जैन, लुधियाना शहर श्रीमति त्रिशला रानी जैन, लुधियाना शहर श्रीमति आशा देवी, लुधियाना श्रीमति कमलेश जैन, सिविल लाईन, लुधियाना श्री दर्शन कुमार जैन, सिविल लाईन, लुधियाना श्रीमति नीना जैन, सिविल लाईन, लुधियाना श्री सुरेश जैन, सिविल लाईन, लुधियाना श्रीमति शैली जैन किचलू नगर, लुधियाना श्री मनीष जैन गुरुकुल अम्बाला श्री दीपांशु जैन, गुरुकुल अम्बाला श्री दीक्षित जैन, गुरुकुल अम्बाला श्री राहुल जैन, गुरुकुल अम्बाला श्री संचित जैन, गुरुकुल अम्बाला श्री सतपाल जैन, अम्बाला छावनी श्रीमति कान्ता जैन, अम्बाला छावनी श्रीमति इन्दुबाला जैन, अम्बाला शहर श्री सतीश कुमार जैन, अम्बाला शहर श्री कुलदीप कुमार जैन, अम्बाला शहर श्रीमति शिमला जैन, अम्बाला शहर श्रीमति माला जैन, अम्बाला शहर श्रीमति नीलम जैन, अम्बाला शहर श्री भविक जैन, अम्बाला शहर श्री हेमन्त जैन, अम्बाला शहर श्री अनिल जैन, अम्बाला शहर श्री अरुण जैन, अम्बाला शहर श्रीमति नीलम जैन, अम्बाला शहर श्रीमति पुष्पलता जैन जिन पूजा प्रतिस्पर्धा में भाग लेने वाले मण्डलों और मण्डल के सभी सदस्यों को स्मृति चिन्ह भेंट किये गये। जिन पूजा प्रतिस्पर्धा में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आने वाले मण्डलों को स्मृति चिन्ह के साथ क्रमशः 5100/-,3100/- एवं 2100/- रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की गई। पूर्ण विवरण पृष्ठ 129-130 पर प्रकाशित है। तत्पश्चात् संक्रान्ति श्रवण करने वाले संक्रान्ति भक्तों का बहुमान किया गया। प.पू. गच्छाधिपति जी की शुभ भावना एवं सद्प्रेरणा अनुरूप संक्रान्ति भक्तों का बहुमान-अखिल भारतीय विजय वल्लभ स्वर्गारोहण अर्द्धशताब्दी સમાપન 40 સામાદા માપન હર જમાદા amomernama JOF LOR संक्रान्ति भक्तों का बहुमान संक्रान्ति भक्तों का बहुमान महोत्सव महासमिति की तरफ से प.पू.गच्छाधिपति जी की शुभ भावना एवं सद्प्ररेणा को साकार रूप देते हुए संक्रान्ति भक्तों का हार पहना कर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर बहुमान किया गया। यह ऐसे संक्रान्ति भक्त हैं, जिन्होंने गुरु वल्लभ, गुरु समुद्र, गुरु इन्द्र इन तीनों गुरुदेवों के मुखारविंद से या फिर एक गुरुदेव के मुखारविंद से निरंतर संक्रान्ति नाम का श्रवण किया। इन गुरुभक्तों का बहुमान श्रीमद् विजय वल्लभ सूरीश्वर जी महाराज द्वारा आरम्भ की गई प्रथा का बहुमान है और प.पू. गुरुदेवों के प्रति गुरु भक्ति अनुमोदना स्वरूप है। इन गुरु भक्तों के नामों की सूची इस स्मारिका में प्रकाशित है। विविध मंगलमय कार्यक्रमों के अन्तर्गत बाल वर्ग के 6 प्रतियोगियों के भाषण, जिसमें क्रमशः प्रथम स्थान अक्षत जैन अम्बाला, द्वितीय स्थान आरुषी जैन होशियारपुर एवं तृतीय स्थान मनी जैन जालंधर ने प्राप्त किया। इन्हें पुरस्कार स्वरूप स्मृति चिन्ह के साथ क्रमशः 2100/-, 1500/- एवं 1100/रुपये की राशि भेंट की गई एवं इसी के साथ शेष तीन प्रतियोगियों को भी प्रोत्साहन पुरस्कार स्वरूप स्मृति चिन्ह के साथ क्रमशः 500/- रुपये की राशि भेंट की गई। प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रतियोगी क्रमशः सुश्री मानसी गाबा, सुश्री सुचिता जैन, सुश्री सोफिया जैन है। प.पू. गच्छाधिपति जी द्वारा सर्वमंगल के साथ दोपहर की सभा का विसर्जन हुआ। 240 विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका For Private & Personal use only 1500 Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.012061
Book TitleVijay Vallabh Sansmaran Sankalan Smarika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpadanta Jain, Others
PublisherAkhil Bharatiya Vijay Vallabh Swargarohan Arddhashatabdi Mahotsava Samiti
Publication Year2004
Total Pages268
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size51 MB
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