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________________ औद्योगिक नगरी लुधियाना में स्थापित गुरु विजय वल्लभ मन्दिर में पुष्पांजलि, दीपांजलि एवं श्रद्धांजलि समारोह का अभूतपूर्व आयोजन शुभ सद्प्रेरणा एवं आशीर्वाद वर्तमान गच्छाधिपति जैनाचार्य "श्रीमद् विजय रत्नाकर सूरीश्वर जी म. सा." पावन निश्रा पूज्य महत्तरा साध्वी मृगावती श्री जी महाराज की सुशिष्या, साध्वी सुव्रता श्री जी म. ठाणा-3 गुरुवर विजय वल्लभ सूरीश्वर जी महाराज की स्वर्गारोहण अर्द्धशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में पूज्य गुरुदेव के श्री चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए भगवान् महावीर जैन सेवा संस्थान की ओर से विजय वल्लभ गुरु मन्दिर', बसन्त रोड़, सिविल लाईन पर भव्याति-भव्य पुष्पांजलि श्रद्धांजलि एवं दीपांजलि का आयोजन किया गया। दिनांक 10 अक्तूबर 2004 की पूर्व संध्या पर 'गुरु वल्लभ' का गुणगान करने के लिए भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें गुरु भक्तों ने अपनी मधुर ध्वनियों से गुरु भजनों एवं संगीत द्वारा गुरु विजय वल्लभ का गुणानुवादन किया । इस भजन संध्या में विशेष रुप से संजीव जैन एंड पार्टी, श्री ज्ञान चंद जी चांदी, श्री सुरेश जैन जी पाटनी आदि विभिन्न कलाकारों ने भजन संध्या के समय को मध्य रात्रि तक बांधे रखा। श्री सिन दिनांक 10 अक्तूबर 2004 को प्रात: गुरू प्रतिमा का दूध से प्रक्षालन आदिनाथ जैन जुनियर महिला मंडल एवं नन्हें-मुन्हें बच्चों ने बहुत ही करवाया गया। साध्वी सुव्रता श्री जी महाराज की पावन निश्रा में श्री आकर्षक एवं रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कुमारी शिखा जैन, ईशा गाना 1, इशा आदिनाथ जैन मन्दिर सिविल लाईन से शोभायात्रा आरम्भ करने से पूर्व जैन ने भी अपने मधुर कंठ से बहुत ही आकर्षक शब्दों से गुरू भक्तों को धर्मसभा का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न गुरूभक्तों ने गुरू भक्ति में बांधे रखा। गुरू चरणों में दीपांजलि स्वरूप पूरे मन्दिर जी, भक्ति के गीत गाए। यहीं से शोभायात्रा का शभारम्भ हुआ।' श्रीमद उसके परिसर एवं विजयानद डायग्नोस्टिक सेंटर को जगमगाती रोशनी विजय वल्लभ सरीश्वर जी महाराज' की विजय वल्लभ रथ यात्रा वाली के साथ सजाया गया। मन्दिर जी की सजावट इतनी कलात्मक, सुन्दर प्रतिमा को शीशे के रत्नों से जडित सन्दर एवं आकर्षक पालकी में एवं दर्शनीय, रमणीय थी कि मन प्रफुल्लित हो कर, गुरु भक्ति से भर निशाना किया गया। उठता था। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानों जैसे ज्ञान की रोशनी में से गुरु विजय समद्र इन्द्र जैन सेवा मंडल के नवयुवकों ने पूजा के प्रतिमा स्वयं प्रकट हो रही है। वस्त्रों में गुरूदेव की पालकी के वाहन बनकर अपने कधों पर उठाया तथा शोभायात्रा के साथ रवाना हुए। शोभायात्रा श्री आदिनाथ जैन मन्दिर से चलकर सिविल लाईन के विभिन्न मार्गों से होती हुई बसन्त रोड, सिविल लाईन गुरू मन्दिर स्थान पर पहुँची। यहां पर इस मन्दिर में विराजमान गुरू प्रतिमा जी को 50 पुष्प मालाएँ अर्पित करने का समारोह रखा हुआ था। प्रथम पुष्प माला अर्पण करने का लाभ श्री सरदारी लाल भूषण कुमार रमेश कुमार परिवार वालों ने बोली द्वारा लिया। शेष पुष्पाजंलि लाभार्थी परिवारों के नाम लेख में प्रकाशित हैं । जैन समाज के सभी गणमान्य व्यक्तियों ने इस समारोह में भाग लेकर गुरू चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सभी ने गुरू चरणों में की गई पुष्पांजलि, दीपांजलि एवं श्रद्धाजंलि के आयोजन की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। 1504 विजय वल्लभ 211 संस्मरण-संकलन स्मारिका For Private Personal use only mellbrary.org विजय वल्लभअग Jain Education International
SR No.012061
Book TitleVijay Vallabh Sansmaran Sankalan Smarika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpadanta Jain, Others
PublisherAkhil Bharatiya Vijay Vallabh Swargarohan Arddhashatabdi Mahotsava Samiti
Publication Year2004
Total Pages268
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size51 MB
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