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________________ हम कोटिशः कोटिशः वन्दन करते हुए, आभार प्रकट करते हैं दृढ़ संयमी, दृढ़ संकल्पी, कोंकण देश दीपक श्रीमद् आत्म-वल्लभ-समुद्र - इन्द्र पाट परम्परा के वर्तमान पट्टधर गच्छाधिपति जैनाचार्य श्रीमद् विजय रत्नाकर सूरीश्वर जी म. का, जिन्होंने वर्तमान में परम पूज्य, परम वन्दनीय, प्रातः स्मरणीय, कलिकाल कल्पतरु, अज्ञान तिमिर तरणि, युगवीर, पंजाब केसरी, जैनाचार्य श्रीमद् विजय वल्लभ सूरीश्वर जी म. का 50वां स्वर्गारोहण वर्ष एक महोत्सव के रूप में मनाने की प्रेरणा दी और “एक सफल योजना कार" की भांति व्यवहार में इन कार्यों को कैसे करना है, उसकी नीति का निर्धारण किया। गुरुदेव ने दिव्य दृष्टि और दूर दृष्टि से कार्यों को क्रियान्वित रूप देने के लिए पूरे भारतवर्ष में 'अखिल Education rational आभार भारतीय विजय वल्लभ स्वर्गारोहण अर्द्धशताब्दी महोत्सव महासमिति' का गठन करवाया। आज सभी कार्यक्रमों की सफलता के लिए प. पू. गुरुदेवों के दिव्याशीष के साथ-साथ वर्तमान गच्छाधिपति जी का शुभाषीश वरदहस्त पावन व तारक निश्रा की विद्यमानता है। ऐसी परम असीम कृपा वाले, त्यागी, तपस्वी, संयमी का आभार मानते हुए, उनके श्री चरणों में कोटिशः कोटिशः वन्दन। इन्हीं कामनाओं के साथ कि आपका वरदहस्त हम सब पर सदा बना रहे । इसी के साथ-साथ सभी श्रमण एवं श्रमणीवृंद का आभार प्रकट करते हैं, जिन्होने समयानुकूल शुभाशीष के साथ लेख व निबन्ध, कविताएं आदि भेज कर 'स्मारिका' के प्रकाशन में सहयोग देते हुए गुरुचरणों में श्रद्धांजलि अर्पित की। उन श्रावक-श्राविकाओं का भी बहुत-बहुत आभार व धन्यवाद जिन्होंने गुरु चरणों में सुमन अर्पित करने हेतु अपने लेख देकर स्मारिका की शोभा को बढ़ाया। श्रद्धा For Private & Personal Use Only हम आभार प्रकट करते हैं, उन सभी दानी महानुभावों का जिन्होंने अपनी आय में से दान स्वरूप राशि देकर इस स्मारिका को प्रकाशित करने में सहयोग दिया, उन सभी महानुभावों का जिन्होंने किसी भी तरह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से विविध मंगलमय कार्यक्रमों को सफल बनाने में सहयोग दिया। उन सबका आभार मानते हुए धन्यवाद प्रकट करते हैं । अखिल भारतीय विजय वल्लभ स्वर्गारोहण अर्द्धशताब्दी महोत्सव महासमिति wainelibran
SR No.012061
Book TitleVijay Vallabh Sansmaran Sankalan Smarika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpadanta Jain, Others
PublisherAkhil Bharatiya Vijay Vallabh Swargarohan Arddhashatabdi Mahotsava Samiti
Publication Year2004
Total Pages268
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size51 MB
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