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________________ लुधियाना से :- संगीत प्रतियोगिता के फाइनल में प्रवेश प्राप्त प्रतियोगी। ............................... संगीत प्रतियोगिता प.पू. गच्छाधिपति जी की सद्प्रेरणा से विविध मंगलमय कार्यक्रमों के अन्तर्गत एक कार्यक्रम संगीत प्रतियोगिता का था। गुरुवर विजय वल्लभ सूरीश्वर जी महाराज ने अपने जीवनकाल में लगभग 2200 स्तवन, सज्झाए, थुई, पूजाओं की गाथाएं आदि की रचना की। गुरुवर विजय वल्लभ जिस भी नगर, ग्राम में जिन मन्दिर में जाते और वहां पर परमात्मा की स्तुति करते वह स्तवन बन जाता। यह सभी स्तवन व सज्झाए दिल की गहराईओं को छू लेने वाले है। इनका संग्रह करके श्री हीरा लाल शास्त्री दुग्गड़ जी ने 'वल्लभ काव्य सुधा' नामक पुस्तक में प्रकाशित किया है। प.पू. गच्छाधिपति जी की भावना थी कि इन स्तवन सज्झाओं की गूंज फिर से हर घर परिवार में सुनाई दें, बच्चे-बच्चे की जुबान पर इन स्तवनों के माध्यम से प्रभु के नाम का गुणगान किया जावे, इसीलिए गच्छाधिपति जी ने जैन समाज को प्रेरणा देकर संगीत प्रतियोगिता का आयोजन करवाया। संगीत प्रतियोगिता की मुख्य विशेषता यही थी कि बोलने वाले ने वल्लभ काव्य सुधा से ही स्तवन या सज्झाए बोलनी है। इस प्रतियोगिता का आयोजन दिनांक 5.9.2004 दिन रविवार को रखा गया, एक ही समय पर यह प्रतियोगिता दो स्थानों अम्बाला व लुधियाना में होनी निर्धारित हुई और दो वर्गों में बाल वर्ग एवं युवा वर्ग के प्रतियोगियों ने भाग लिया। इसी प्रकार लुधियाना में बाल-वर्ग, युवा-वर्ग प्रतियोगियों ने भाग लिया। पहले चरण में तीन-तीन प्रतियोगियों का चुनाव किया गया और अन्तिम चरण में जोकि समापन समारोह पर होगा प्रथम द्वितीय तृतीय का चुनाव कर उन्हें पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। इस प्रतियोगिता से यहां समाज को गुरुवर विजय वल्लभ जी की रचनाओं की जानकारी मिली वहीं पर समाज को उभरते हुए मधुर कंठ और रागी कलाकारों की भी जानकारी मिली। इस प्रतियोगिता से ही जानकारी प्राप्त हुई कि हमारे समाज में कई ऐसे कलाकार है जिन्हें उचित मंच न मिलने के कारण उनकी कला समाज के सामने नहीं आती। बड़े ही हर्ष और उत्साह के साथ इस प्रतियोगिता का शुभारम्भ हुआ। लुधियाना में निर्णायक मंडल में श्री बलदेव राज जी, श्री सुरेश जैन पाटनी एवं श्रीमति कमलेश जैन लिगा थे। अम्बाला के निर्णायक मंडल में प.पू. गच्छाधिपति जी की निश्रा में श्री भीमसेन जी थे। लुधियाना में यह आयोजन महत्तरा साध्वी श्री मृगावती जी महाराज की सुशिष्या साध्वी सुव्रता श्री जी महाराज आदि ठाणा-3 की निश्रा में हुआ। लुधियाना से संगीत प्रतियोगिता के फाईनल में भाग लेने वाले प्रतियोगियों के नाम :18 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग 18 वर्ष से कम आयु वर्ग प्रथम : कुमारी शिखा जैन सुपुत्री श्री सुरेश जैन प्रथम : श्री पुलकित जैन सुपुत्र श्री भूषण कुमार जैन द्वितीय : (1) श्री सौरभ जैन सुपुत्र श्री सुरेश जैन द्वितीय : श्री अभिनव जैन सुपुत्र श्री सुरेश जैन (2) श्रीमति बिन्दू जैन धर्मपत्नी श्री संजीव जैन तृतीय : श्रीमति सोनिया जैन धर्मपली श्री नीरज जैन अम्बाला से संगीत प्रतियोगिता के फाईनल में भाग लेने वाले प्रतियोगियों के नाम :18 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग 18 वर्ष से कम आयु वर्ग प्रथम : श्री मनदीप जैन सुपुत्र श्री निर्मल कुमार जैन प्रथम : कुमारी सायना जैन सुपुत्री श्री हर्षपाल जैन द्वितीय : श्रीमति माला जैन धर्मपत्नी श्री निर्मल कुमार जैन द्वितीय : श्री सिद्धार्थ जैन पौत्र श्री निर्मल कुमार जैन तृतीय : श्रीमति अलका जैन धर्मपत्नी श्री राजीव जैन तृतीय : कुमारी कुनिका जैन सुपुत्री श्री योगेश जैन 4500 139 विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.012061
Book TitleVijay Vallabh Sansmaran Sankalan Smarika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpadanta Jain, Others
PublisherAkhil Bharatiya Vijay Vallabh Swargarohan Arddhashatabdi Mahotsava Samiti
Publication Year2004
Total Pages268
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size51 MB
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