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________________ मिथ्यात्वी का आध्यात्मिक विकास विद्वान लेखक ने “मिथ्यात्वी का आध्यात्मिक विकास' विषय पर शोधपूर्ण सामग्री प्रस्तुत की है। इसके लिए लेखक बधाई के पात्र हैं। - कस्तूरचन्द ललवानी मनीषी लेखक ने “मिथ्यात्वी का आध्यात्मिक विकास" के संबंध में शोधपूर्ण सामग्री प्रस्तुत की है। - जब्बरमल भंडारी श्रीचंदजी चोरड़िया ने मिथ्यात्वी की शुद्ध क्रिया से जिज्ञासा के अन्तर्गत अनेक उद्धरणों से सिद्ध किया है। इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। -सुरजमल सुराणा “मिथ्यात्वी का आध्यात्मिक विकास" पुस्तक में आलेखित पदार्थो के दर्शन से जैन दर्शन व जैनागमों की अजैनों की तरफ उदात्त भावना और आदरशीलता प्रकट होती है एवं जैन धर्म की अप्राप्त आत्माओं में कितने परिमाण में आध्यात्मिक विकास हो सकता है - इत्यादिक विषयों का आलेखन बहुत सुन्दरता से जैनागमों के सूत्रपाठों से दिखाया गया है। इसलिए विद्वान श्रीचन्द चोरड़िया का प्रयास बहुत प्रशंसनीय है और यह ग्रंथ दर्शनीय है। - रामसुरी डेलावाला, कलकता Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012059
Book TitleMohanlal Banthiya Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKewalchand Nahta, Satyaranjan Banerjee
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1998
Total Pages410
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size19 MB
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