SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 39
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ स्व: मोहनलाल बोठिया स्मृति ग्रन्थ । यह युग विधिवद्ध खोज व शोध का है। अन्वेषण कार्य को सहज और सुगम करने के लिए ही विभिन्न प्रकार के संदर्भ ग्रथों की बड़ी उपयोगिता है। इस संदर्भ ग्रन्थों से भी अधिक उपयोगिता है वर्गीकृत कोषों की। वर्गीकृत कोश ग्रन्थ जैसा कि - ___ वर्धमान जीवन कोश द्वितीय खण्ड पूर्व प्रकाशित सभी ग्रन्थों से भिन्न है। इस कार्य के लिये आगम ग्रन्थ उनकी टीकाएं, श्वेताम्बर व दिगम्बर आगमेतर ग्रन्थ, कुछ बौद्ध एवं ब्राह्मण ग्रन्थ एवं परवर्तीकालीन कोश, अभियान आदि का भी उपयोग किया है। इस खण्ड में उनके ३३ या २७ मंत्रों का विवरण जो कि श्वेताम्बर व दिगम्बर परम्परा से लिया गया है। इससे तुलनात्मक अध्ययन सुगम हो जाता है। इसके अतिरिक्त इसमें भगवान के पांचों कल्याणक, नाम एवं उपनाम, उनकी स्तुतियां, समवसरण, दिव्यध्वनि, संघविवरण, इन्द्रभुति आदि ग्यारह गणधरो का पृथक विवरण आदि संकलित है। आर्या चन्दना का भी विवरण प्रस्तुत ग्रन्थ में किया गया है। इस भाग में संकलित अनेक विषय बहुधा प्रथम भाग में संकलित विषयों के परिपूरक हैं। विषयों का इसमें अन्तर्जातीय दशमलव के रूप में विभाजित व संकलित किया गया है जैसा सम्पादकों ने उपरोक्त वर्गीकृत कोश ग्रन्थों में किया है। विद्वानों व अन्वेषकों के लिए तीर्थकर भगवान महावीर के इस भांति के वर्गीकृत कोष ग्रन्थों की उपादेयता के विषय में कोई दो मत नहीं हो सकता। परिश्रम साध्य व समय सापेक्ष इस कार्य को इतने सुचारू रूप से संपादन करने के लिए हम विद्वान पण्डित श्रीचन्द्र चोरड़िया का आन्तरिक भाव से अभिनन्दन करते हैं। साथ ही जैन दर्शन समिति और उनके कार्यकर्ताओं को भी इसके प्रकाशन के लिए धन्यवाद देते हैं। __- डा. ज्योतिप्रसाद जैन, लखनऊ Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012059
Book TitleMohanlal Banthiya Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKewalchand Nahta, Satyaranjan Banerjee
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1998
Total Pages410
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy