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________________ ९२ ] श्री गुलजारी लाल-नगर के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से रहे हैं। आप को पुलिस ने १९४० के आन्दोलन में नजरबन्द कर लिया था। आप फिरोजाबाद म्यू० बोर्ड के चेयरमैन भी रहे। बाबू नेमीचंद जैन--आप जोतराज वसैया आगरा के रहने वाले हैं और १९३० से राष्ट्रीय क्षेत्र में कार्य करते रहे। इस आन्दोलन में एक साल की सजा हुई थी। आप मंडल कांग्रेस कमेटी के प्रमुख कार्यकर्ता रहे। १९४० में आप नजरबन्द कर दिये गये । सन् १९४२ में आप पर यह जुर्म लगाया गया कि कागारोल का डाक बंगला आपने जलाया था। बा० उत्तमचन्द वकील, बरार (आगरा)--१९३६ से आप राष्ट्रीय क्षेत्र में अधिक प्रकाश में आये और जिला कांग्रेस कमेटी के सदस्य तथा मंडल कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी बराबर रहे। आपने किसानों का संगठन बहत जोरों से किया। १९४० के आन्दोलन में आप नजरबन्द कर किये गये और लगभग एक साल जेल में रहना पड़ा। १९४२ के आन्दोलन में आप ९ अगस्त को ही गिरफ्तार कर लिये गये थे और मई १९४४ में छोड़े गये। श्री पीतमचन्द जैन, रायमा (आगरा)-आप टेलीफोन के तार काटने के सिलसिले में गिरफ्तार किये गये थे और कई माह तक नजरबन्द रहे। श्री श्याम लाल जैन, रायभा (आगरा)- आप भी श्री पीतमचन्द के साथ उसी अभियोग में गिरफ्तार किये गये थे, जेल में लकवा मार जाने के कारण बहुत कष्ट हुआ था। श्री बाबूलाल जैन (आगरा)-आप अपने मंडल कांग्रेस कमेटी के मंत्री थे, अत: ९ अगस्त १९४२ के आन्दोलन में नजरबन्द कर लिये गये और दो मास बाद छोड़े गये। बाबू रामस्वरूप 'भारतीय', जारखी, आगरा-आप जैन समाज के एक प्रमुख कार्यकर्ता रहे, सन् १९४२ के आन्दोलन में सरकार ने आप को गिरफ्तार करके नजरबन्द कर दिया, दो माह के बाद छोड़ा था। चिरंजीलाल जैन वैद्य, बाह (आगरा)-१९३० से ही कांग्रेस के उत्साही कार्यकर्ता हैं, १९३२ में भी गिरफ्तार हुए, १९४१ में ६ माह जेल में रहे, और १९४२ से चार साल तक फरार रहे। जिला कांग्रेस कमिटि के मंत्री और ब्लाक कांग्रेस कमिटि के अध्यक्ष हैं। श्री पन्ना लाल जैन 'सरल' जारखी (आगरा)-आप सन १९४२ के आंदोलन में जारखी मंडल से एकमात्र आंदोलन कर्ता और जेल यात्री थे। अपनी लोकप्रियता के कारण १९४६ में भी सर्व सम्मति से मंडल के प्रधान मंत्री निर्वाचित हए । सन १९४२ में निर्धन सेवा सदन स्थापित करके गांवों में फैली हई गल्ले की कमी को अपने खर्चे से मंगाकर पूरा किया। चोर बाजारी के सिद्धांतः विरोधी होने के कारण कपड़े के सुचारु रूप से चलते हुए अपने व्यवसाय को समाप्त कर दिया। श्री कल्याणदास जैन, आगरा-भी पक्के कांग्रेसी कार्यकर्ता रहे, नगर निगम के कांग्रेसी मेयर भी रहे । एटा जिला ला० सन्त कुमार जैन, अवागढ़, अपने नगर के प्रमुख राष्ट्रीय कार्यकर्ता रहे, १९४२ में ९ मास की जेल काटी, और छूटने पर स्थानीय कांग्रेस कमेटी के प्रधान हए । मैनपुरी जिला बरामस्वरूप जैन खैरगढ़-आप फिरोजाबाद में १९४२ के आन्दोलन के समय गिरफ्तार किये गये थे। अपने मंडल के मन्त्री थे । अगस्त १९४२ से फरार हो गये थे। जनवरी १९४३ में फिरोजाबाद में गिरफ्तार कर लिए गये और लगभग सवा साल नजरबन्द रहे। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012057
Book TitleBhagavana Mahavira Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJyoti Prasad Jain
PublisherMahavir Nirvan Samiti Lakhnou
Publication Year1975
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size16 MB
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