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________________ २१६ डा. पी० सी० जैन चरित्र, (११) सुदर्शनचरित्र, (१२) सद्भाषितावलि, (१३) पार्श्वनाथचरित्र, (१४) व्रतकथाकोष, (१५) नेमिजिन चरित्र, (१६) कर्मविपाक (१७) तत्त्वार्थसार दीपक, (१८) सिद्धान्तसार दीपक, (१९) आगमसार, (२०) परमात्मराज स्तोत्र, (२१) सार चतुर्विशतिका, (२२) श्रीपालचरित्र, (२३) जम्बूस्वामी चरित्र, (२४) द्वादशानुप्रेक्षा आदि-आदि । पूजा ग्रन्थों में--(२५) अष्टाह्निका पूजा, (२६) सोलहकारण पूजा, (२७) गणधरवलय पूजा। राजस्थानी कृतियों में-(२८) आराधना प्रतिबोधसार, (२९) नेमीश्वर गीत, (३०) मुक्तावलीगीत, (३१) णमोकार फलगी, (३२) सोलहकारण रास, (३३) सारसीरवामणि रास, (३४) शान्तिनाथ फागु। भ० जिनचन्द्र -१५वीं शताब्दी-रचनाए--(१) सिद्धान्तसार, (२) जिनचतुर्विशति स्तोत्र । १६ वीं शताब्दी के भट्टारक भ० सोमकोति-सम्बत् १५२६ से १५४० : रचनाए-संस्कृत में-(१) सप्तव्यसन कथा, (२) प्रद्युम्न चरित्र, (३) यशोधरचरित्र। राजस्थानी रचनाओं में-(४) गुर्वावलि, (५) यशोधर रास, (६) रिषभनाथ की धूलि, (७) मल्लिगीत, (८) आदिनाथ विनती, (९) त्रेपनक्रिया गीत । __ भ० ज्ञानभूषण-सम्वत् १५३०-१५५७, रचनाए-संस्कृत में-(१) आत्मसंबोधन काव्य, (२) ऋषि मण्डल पूजा, (३) तत्त्वज्ञानतरंगिणी, (४) पूजाष्टक टीका, (५) पंचकल्याणक उद्यापन पूजा, (६) भक्तामर पूजा, (७) श्रुत पूजा, (८) सरस्वती पूजा, (९) सरस्वती स्तुति, (१०) शास्त्रमण्डल पूजा । हिन्दी रचनाओं में--(११) आदीश्वर फाग, (१२) जलगाण रास, (१३) पोसह रास, (१४) षट् कर्मरास, (१५) नागद्रा रास। भ० शुभचन्द्र-सम्वत् १५७३ से १६१३-६० से भी अधिक रचनाएं उपलब्ध हैं, जिनमें मुख्य रूप से इस प्रकार हैं---संस्कृत में - (१) चन्द्रप्रभचरित्र, (२) करकण्डुचरित्र, (३) कात्तिकेयानुप्रेक्षा टीका, (४) चन्दना चरित्र, (५) जीवन्धर चरित्र, (६) पाण्डवपुराण, (७) श्रेणिक चरित्र, (८) सज्जन चित्त वल्लभ, (९) पार्श्वनाथ काव्य पंजिका, (१०) प्राकृत लक्षण टीका (११) अध्यात्म तरंगिणी, (१२) अम्बिका कल्प, (१३) अष्टाह्निका कथा, (१४) कर्मदहनपूजा (१५) चन्दन षष्टिव्रत पूजा, (१६) गणधरवलय पूजा, (१७) चरित्रशुद्धिविधान, (१८) तीस चौबीसी पूजा, (१९) पंचकल्याणक पूजा, (२०) पल्यव्रतोद्यापन, (२१) तेरहद्वीप पूजा, (२२१ पुष्पाञ्जली व्रत पूजा, (२३) सार्द्धद्वयदीप पूजा, (२४) सिद्धचक्रपूजा । हिन्दी रचनाओं में-(२५॥ महावीर छन्द, (२६) विजयकीर्ति छन्द, (२७) गुरु छन्द, (२८) नेमिनाथ छन्द, (२९) तत्त्वसार। दूहा, (३०) दान छन्द, (३१) अष्टाह्निकागीत, (३२) क्षेत्रपालगीत, पद आदि । भ० वीरचन्द्र-सम्वत् १५८२ से १६००-रचनाए-(१) वीरविलास फागु, (२) जम्बूस्वामी विलास, (३) जिन आंतरा, (४) सीमन्धर स्वामी गीत, (५) संबोध सत्ताणु (६) नेमिनाथ रास (७) चित्तनिरोध कथा, (८) बाहुबलि बेलि । DKG Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012051
Book TitleParshvanath Vidyapith Swarna Jayanti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Ashok Kumar Singh
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1994
Total Pages402
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size23 MB
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