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________________ श्री. ईश्वरलाल जैन श्री आत्मानन्द जैन युवक मण्डल अम्बाला शहरः-- जिस शहर में गुरुदेव के नाम पर कइ संस्थायें कार्य कर रही हैं वहां इसका उल्लेख करना भी अनुचित न होगा। धार्मिक सभाओं तथा मेलों का प्रबन्ध करने के लिये श्री आत्मानन्द जैन युवक मण्डल चार पांच साल से अच्छा कार्य कर रहा है। श्री मन्दिरजी में आरती का प्रबन्ध मंडल ही करता हैं, मंडल की अपनी एक भजन मण्डली और एक बैंड भी है। श्री आत्मवल्लभ जैन समाज देसुरी: गुरुदेव व हमारे आचार्य श्री के नाम से केवल पञ्जाब में ही संस्थायें नहीं, प्रत्युत अन्य देशों में भी अच्छी संख्या में विद्यमान हैं। देसुरी में इस नाम की सभा का होना गुरुभक्ति का परिचायक है। श्री आत्मानन्द जैन कुमार सभायें:-- ___ यहां पर कितनी संस्थाओं का परिचय दें ? गुरुदेव के नाम पर पञ्जाब भर में शायद ही कोई शहर व गांव ऐसा होगा, जहां पर जैन रहते हों और गुरुदेव के नाम की कोई संस्था न हो; प्रत्येक स्थान पर आ. नं. जै. सभा व कुमार सभा विद्यमान है। प्रत्येक सभा का इस छोटे से लेख में परिचय कराना अशक्य है, केवल उनकी सूची ही पर्याप्त लम्बी होगी। पञ्जाब के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर गुरुदेव के नाम पर कई संस्थायें होंगी, जिनका इस लेख में वर्णन नहीं । अन्तिम निवेदन यह बड़ी प्रसन्नता व गौरव का विषय है कि गुरुदेव के नाम पर बहुत-सी संस्थायें स्थापित हुई, और समाज में कुछ न कुछ जागृति उत्पन्न की; परन्तु क्या इतनी मात्र संस्थाओं से समाज की आवश्यक्तायें पूर्ण हो गईं ? इतनी संस्थाओं से क्या हृदय को सन्तोष है ? एक दृष्टि अन्यमतावलम्बियों की संस्थाओं पर डालिये। आर्यसमाज की इस समय कितनी संस्थायें विद्यमान हैं ? इस समाज को निकले अभी पौने सौ वर्ष के ही लगभग हुए होंगे, परन्तु हम उनकी गत २० वर्ष की संस्थाओं व उनके कार्य देखें तो भी लज्जा से अवनत होना पड़ेगा। उनकी १९२१ की सूची अनुसार यह संख्यायें आप के सामने रखते हैंशताब्दि प्रथ] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012050
Book TitleAtmanandji Jainacharya Janmashatabdi Smarakgranth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Dalichand Desai
PublisherAtmanand Janma Shatabdi Smarak Trust
Publication Year1936
Total Pages1042
LanguageHindi, Gujarati, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size30 MB
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